अगर ऐसे करेंगे पुलिसकर्मी एक संग: तो कैसे जीतेंगे कोरोना से जंग

लखनऊ – पूरे उत्तर प्रदेश में 55 घण्टे का लॉक डाउन है ,योगी आदित्यनाथ ने टीम 11 के साथ बैठक पर बैठक कर कोरोना संक्रमण को जड़ से खत्म करने के लिए प्रयास भी कर रहे हैं ।लेकिन आम इंसान को बढ़ते कोरोना संक्रमण से बिल्कुल भी डर नही है ।वो जैसे पहले मस्ती के साथ एक जगह इकट्ठा होकर रहते थे वही हाल आज भी है ,आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनलॉक व्यवस्था की समीक्ष की जिसमें यह तय हुआ कि साप्ताहिक बन्दी के दौरान सभी बाजारों की स्वच्छता एवं सेनेटाइजेशन के लिए विशेष कार्यक्रम चलेगा और टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाकर 50 हज़ार टेस्टिंग प्रतिदिन करने के निर्देश भी दिए है और वहीं जनपद कानपुर नगर,देवरिया कुशीनगर ,बलिया व वाराणसी में विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश भी दिया।लेकिन जिस जनपद कुशीनगर का ज़िक्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है वहाँ का प्रशासन लॉक डाउन का पालन कराने में असमर्थ है।उन्हें तो इस बात का ख्याल भी नही है कि अभी उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन है और मेरी जिम्मेदारी है इसे सख्ती से पालन कराना ।कुशीनगर में कोरोना के अब तक 254 मामले का चुके हैं ।लेकिन लोग इससे बिल्कुल भी न तो सीख ले रहे हैं और न ही बचाव कर रहे हैं , ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं। ये दरअसल कुशीनगर के तरया सुजान थाना क्षेत्र के भूलिया बाजार की है ।बाजार थाने से महज 500 मीटर की दूरी पर है।यहां पूर्णतः लॉकडाउन के बावजूद भी पूरी तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है लेकिन यहां का प्रशासन हाथ पर हाथ रखे ,बड़े पैमाने पर संक्रमित होने का इन्तेजार कर रहा है।अगर यही हाल रहा तो वो भी दूर नही जब जगह जगह व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो।आज शाम लगभग पूरा बाजार खुला हुआ था। सड़को से लेकर बाजार के अंदर तक पूरी तरह चहल पहल थी ।कहीं कहीं पुलिस भी नज़र आ रही थी ।एक जगह 112 नम्बर की गाड़ी के साथ कुछ पुलिसकर्मी थे तो एक जगह सिविल ड्रेस में एक दरोगा जी और एक सिपाही भी थे और जब तक उनकी वहां मौजूदगी ही थी तब तक आस पास से आवाज़ आने लगी बन्द करो दुकान जल्दी बन्द करो ये आवाज़ किसी पुलिस वाले कि नही बल्कि दुकानदारों की थी ।मै थोड़ी देर के सोचने लगा आखिर माजरा क्या है समझ नही आ रहा, तब देखा कि इंस्पेक्टर साहब भी अपने गाड़ी से निकल रहे थे अरे भाई चौकिये मत उन्हें देखकर दुकाने जरूर बन्द हुई थी लेकिन वो जैसे ही निकले सारी दुकानें फिर से खुल गई।और वहां मौजूद पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे।दरअसल बात ये थी कि वो लॉकडाउन का पालन कराने के लिए नही वो जूस और चाय पीने के लिए बाजार गए थे और पी कर वापस अपने थाने के तरफ निकल गए।अगर ऐसे करेंगे सभी पुलिसकर्मी एक संग तो कैसे जीतेंगे कोरोना से जंग ,जिनके ऊपर पूरा सिस्टम का भार है।जिन्हें कोरोना योद्धा कहा जा रहा है जिनकी जिम्मेदारी है लॉक डाउन का पालन कराना तो ऐसे जब पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारी से भागेंगे तो फिर कैसे भागेगा कोरोना???

-आंखों देखी, आसिफ खान

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