लोगो की लापरवाही से मास्क व सैनिटाइजर की बिक्री में आई गिरावट

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। जिले भर में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन उससे बचाव के उपाय लोग उतना ही कम कर रहे हैं।कोरोना महामारी फैलने से रोकने में हाथ को संक्रमण मुक्त रखना जारी है। एक अंतराल के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी जरूरी है। अन्यथा बार-बार हाथ धोना चाहिए। कोरोना के शुरुरात में खौफ में लोगों ने मास्क व सैनिटाइजर का खूब इस्तेमाल किया लेकिन अब अनलॉक टू में लोग खास सतर्कता नहीं बरत रहे हैं। कोरोना को लोग अब हल्के में लेने लगे हैं। इस वजह से बाजार में अचानक मास्क व सैनिटाइजर की बिक्री में भारी गिरावट आई है। कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में सैनिटाइजर व मास्क की जमकर बिक्री हुई।कारोबारियों ने मास्क व सैनिटाइजर बेचकर मोटी कमाई भी की। मास्क व सैनिटाइजर की खूब कालाबाजारी तक हुई। कोरोना बायरस से बचाव के लिए लोग हाथों को पानी और साबुन से धोने की बजाय सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने लगे लेकिन जैसे-जैसे संक्रमण के केस में इजाफा हुआ तो वैसे वैसे लोगों ने इसे हल्के में लेना शुरू कर दिया। सिंधुनगर के के रहने वाले थोक दवा व्यापारी विजय मूलचंदानी ने बताया कि शुरूरात के बाद अब मास्क अथवा सैनिटाइजर की बिक्री में तेजी से गिरावट आई है। शुरूरात में प्रतिदिन लाखों रुपए के मास्क व सैनिटाइजर की बिक्री हुई थी जो अब घटकर आधी से भी कम रह गई है। मेडिकल स्टोर संचालक विजय चावला ने बताया कि बाजार में घटिया किस्म का भी सैनिटाइजर उपलब्ध है। जो कोरोना वायरस को पूरी तरह खत्म नहीं कर पाता है। असली हैंड सैनिटाइजर सरलता से कीटाणुओं, जीवाणुओं को हाथों से खत्म कर देता है। साथ ही इसे लगाने के बाद हाथों से खुशबू भी आती है। मेडिकल स्टोर संचालक जगदीश प्रसाद गंगवार ने बताया कि लॉकडाउन के ढाई माह में सैनिटाइजर व मास्क की खूब बिक्री हुई। मास्क व सैनिटाइजर की पूर्ति करना मुश्किल हो रहा था, लेकिन अनलॉक- टू जब से हुआ तक से बिक्री कम हुई।
सैनिटाइजर का उपयोग हुआ कम
लॉकडाउन के दौरान लोग किसी भी वस्तु को छूने से पहले उसे सैनिटाइज करते थे या फिर छूने के बाद अपने हाथ सैनिटाइज करते थे। लेकिन बाजार खुलते ही लोगों में हाथ या वस्तु को सैनिटाइज करने की प्रवृति में कमी आई है। अब लोग सैनिटाइजर व मास्क तो अपने पास रखते हैं पर उसका उपयोग कम कर रहे हैं।
बाजार में कंपनी व लोकल ब्रांड की भरमार
शुरू में बाजार में कुछ ब्रांड के ही सैनिटाइजर उपलब्ध हुआ करते थे, लेकिन अप्रैल-मई में जैसे ही डिमांड बड़ी तो लोकल ब्रांड के सैनिटाइजर भी बाजार में आ गए। अप्रैल- मई में सैनिटाइजर की 100 प्रतिशत डिमांड थी वह अब 40 प्रतिशत ही बची है।
बार बार साबुन से हाथ धोना भी अच्छा
कई लोगों का मानना है कि साबुन और पानी के बजाएं हैंड सैनिटाइजर से अधिक और जल्दी संक्रमण से हो सकते हैं। बार-बार और लगातार हैंड सेनीटाइजर का प्रयोग करने से त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकता है। वरुण संक्रमण से बचने के लिए साबुन से भी हाथों को बार-बार साफ कर सकते हैं। इससे भी सैनिटाइजर की बिक्री में कमी आई है।

बरेली से कपिल यादव

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