बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। जिला प्रशासन ने कस्बे में विभिन्न ट्रेडों की दुकान खोलने का रोस्टर जारी किया था। इसमें हर ट्रेड के दुकानदार को बारी बारी से तीन दिन दुकान खोलने का मौका दिया गया था। रविवार को रोस्टर के अनुसार आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर साप्ताहिक बंदी थी लेकिन कस्बा फतेहगंज पश्चिमी में साप्ताहिक बंदी का कोई भी नजारा नजर नहीं आया क्योंकि कस्बे में अक्सर देखा जाता है कि जिस दुकानदार रोस्टर के अनुसार दुकान खुलने का दिन नहीं होता है। उस दिन इस तरह के बेशुमार दुकानदार अपनी दुकान के बाहर अपने स्टाफ को लेकर बैठ जाते है। एक सोचनीय पहलू यह है जब इनकी दुकान रोस्टर के अनुसार बंद है फिर यह बाहर बैठ कर क्या कर रहे है। इस तरह के तमाम दुकानदार अपनी दुकान के बाहर दल वल के साथ इसलिये बैठते है जैसे ही कोई ग्राहक आया उसको शटर खोलकर सामान दे देते हैं।इस तरह से सप्ताह के आठ दिन कस्बे के दुकानदार अपना कारोबार करने में कायम रखते है और यह भेड़ चाल सभी दुकानदार बनाये हुए है अगर कोई किसी दुकानदार से कोई यह कहता है कि जब आपकी दुकान आज बंद है तब कारोबार क्यों कर रहे हो तब एक दुकानदार दूसरे का उदाहरण देते हुए कहता है कि हम तो नहीं खोलते है पर बह दुकानदार खोल लेता है तब हम मजबूरी में खोलते है। इस तरह से एक दूसरे का उदाहरण देकर सभी दुकानदार अपना अपना कारोबार रोजाना बिना रोक टोक कर रहे है। ऐसे में पुलिस प्रशासन की रोस्टर के अनुसार दुकान खुलवाने में नाकामी रही है। सोमवार से डीएम के निर्देशानुसार नया रोस्टर लागू किया गया है। जिसमें एक दिन बायीं तरफ और दूसरे दिन दाएं तरफ की सभी दुकाने खुलेंगी। अब आगे देखना है कि इस नए रोस्टर के अनुसार कस्बे में कितना पालन होता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। यदि प्रशासन इस तरह के दुकानदारो पर कार्यबाही करें तब कुछ अंकुश लगेगा वरना दुकानदारों की मनमानी इसी तरह से कायम रहेगी। जनपद में शायद इस तरह से रोजाना कहीं का बाजार खुलता होगा जिस तरह से कस्बे का बाजार खुल रहा है। इसके अलावा यहां का मछली बाजार भी सब्जी मंडी में रोजाना लग रहा है। मछली बाजार की गंदगी से सब्जी मंडी में रहने वाले लोग व दुकानदार परेशान है।।
बरेली से कपिल यादव