बरेली। फीस माफी के मुद्दे पर जिला शुल्क निर्धारण समिति की पहली बैठक आधे घंटे की देरी से शुरू हुई। पारूष अरोड़ा ने कहा कि शासन आदेशों का स्कूल में पालन हो रहा है। अभिभावक फीस जमा करते रहे तो पारदर्शिता बनी रहेगी। डीएम और डीआईओएस पहली बार इस मीटिंग में पहुंचे थे। मीटिंग में क्या-क्या फैसले हो चुके हैं। इसको लेकर अधिकारी माथापच्ची करते नजर आए। मीटिंग के दौरान कुछ अभिभावक स्कूलों की शिकायतें लेकर पहुंचे तो अफसरों ने बात करने से साफ इंकार कर दिया। कमेटी के अध्यक्ष डीएम नीतीश कुमार, डीआईओएस डॉ अमरकांत सिंह, अंकुर सक्सेना आदि मौजूद रहे।
….तो अभिभावकों को मिल सकती है फीस में राहत
लॉकडाउन की वजह से सभी स्कूल बंद है। अभिभावकों के काम धंधे भी चौपट रहे। ऐसे में अभिभावकों को राहत देने के लिए जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक शुक्रवार को आयोजित हुई। इससे पहले पेरेंट्स फोरम के कन्वीनर मोहम्मद खालिद जिलानी एडवोकेट का कहना था कि अधिनियम के प्रावधान के तहत समिति स्कूलों के आय-व्यय, शिक्षक कर्मचारियों के वेतन आदि का परीक्षण कर धारा 4 में प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल कर सत्र 2015-16 की शुल्क संरचना के आधार पर भी कार्रवाई कर सकती है। इससे भी अभिभावकों को फीस में बड़ी राहत मिल सकती है। आगे कहा कि समिति अधिनियम से यदि कोई अलग प्रशासनिक आदेश करती है तो स्कूल एसोसिएशन कोर्ट की शरण में चली जाएगी तो अभिभावकों को कोई राहत नहीं मिल सकेगी। समिति में नए मनोनीत सदस्य इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं जबकि अभिभावकों का प्रतिनिधित्व केवल एक सदस्य कर रहे है। बेहतर होता कुछ और अभिभावकों को बैठक में आमंत्रित कर लंबित शिकायतों पर भी कार्यवाही की जाती लेकिन बैठक के एजेंडे में लंबित शिकायतों को शामिल नहीं किया गया।।
बरेली से कपिल यादव