महामारी/आपदा में टैक्स घटाए जाते हैं, बढ़ाए नहीं जाते – मोर्चा

*पेट्रोलियम उत्पाद पर टैक्स बढ़ाना जजिया कर वसूलने जैसा

*ईमानदारी से सरकार चलाते तो कोविड टैक्स लगाने की नहीं होती जरूरत

*पेट्रोलियम उत्पाद पर राहत देने के बजाय जनता की जेब पर डाका क्यों

देहरादून/ विकासनगर – जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा कोरोना महामारी की आड़ में अपने काले कारनामे छुपाने के लिए पेट्रोलियम उत्पाद पर कोविड टैक्स (जजिया कर) लगाकर जनता को लूटने का काम किया है | ऐसे समय में, जब जनता पीड़ित है तथा दूर-दूर तक आर्थिकी सुधरने जैसे हालात नहीं दिख रहे हैं, उस समय और टैक्स थोप कर उनकी परेशानी बढ़ाने का काम किया है | इस प्रकार से निश्चित तौर पर महंगाई बढ़ेगी | एक- डेढ़ महीने में ही सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं | नेगी ने हैरानी जताते हुए कहा कि इन 3 सालों में सरकार ने हजारों करोड़ का कर्ज सिर्फ और सिर्फ प्रदेश को दिवालिया बनाने और वाह-वाही के झूठे विज्ञापनों पर खर्च कर डाले, जिसका मोर्चा पहले ही पोस्टमार्टम कर चुका है | राजकोषीय घाटा भी लगातार बढ़ता जा रहा है |सरकार ने अगर ईमानदारी से कार्य किया होता तो राजस्व सरकारी खजाने में जाता लेकिन माफियाओं की गोद में बैठने के कारण राजस्व इन्होंने अपनी जेबों में भर लिया | नेगी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पाद की कीमत लगभग मुफ्त है, तो फिर सस्ता (टैक्स कम कर) करने की बजाय क्यों महंगा किया जा रहा है !

मोर्चा ने सरकार के मानसिक दिवालियापन पर प्रहार करते हुए कहा कि आपदा/ महामारी के समय टैक्स कम किए जाते हैं न की बढ़ाए जाते हैं।

– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट

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