उत्तराखंड: पलायन की मार पौड़ी गढ़वाल का एक गाँव आैर हुआ खाली

पौड़ी गढ़वाल- उत्तराखंड जनपद पाैडी गढ़वाल के विकासखंड द्वारीखाल विकासखंड द्वारीखाल के पट्टी लंगूर का गिंठीपानी गांव द्वारीखाल सड़क मार्ग से 3 किलोमीटर दूरी पर बसा हुआ है कभी इस गांव में भी रौनक हुआ करती थी लेकिन राज्य निर्माण के बाद यहां से एक-एक करके 18 वर्षों में 18 ही परिवार गांव छोड़कर शहरों की तंग गलियों में अपने आप को कैद कर गये कारण यह था कि ना सड़क मार्ग से गाँव जुड़ पाया न शिक्षा और स्वास्थ्य रोज चढ़ाई तीन किलाेमीटर की चढ़ाई चढकर द्वारीखाल आना फिर 3 किलोमीटर पैदल चलकर गांव जाना जिनके बेटे थे वह तो अपने मां बाप परिवार के साथ गांव से बहुत पहले पलायन कर गए मात्र गांव में बचे रहे तो बलबीर सिंह एवं उनकी पत्नी पीतांबरी देवी मजबूरी थी भाग्य में पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं लिखी थी बुढ़ापे में भला जाते हुए अपनों की लौटने की उम्मीद में बलवीर सिंह एवं पीतांबरी देवी अपने गांव को आबाद रहे उनकी मजबूरी थी जाएं तो जाएं कहां बुला रही थी लेकिन साेचता था भला बेटियों के घर कैसे जाएं लेकिन सच यह भी है इंसान के लिए बेहद कठोरता और निर्ममता के साथ आता है आखिर जब दोनों ही होने लगे तो 1 दिन ईश्वर के भरोसे गाँव और कुलदेवता भूमि देवता को अंतिम नमस्कार कोटद्वार अब गाँव खाली हो गया है

-इंद्रजीत सिंह असवाल,पाैडी गढ़वाल उत्तराखंड

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