पटना/बिहार- मुंडेश्वरी महोत्सव के दूसरे दिन बॉलीवुड के पार्श्व गायक विनोद राठौर और लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत के नाम रहा । विनोद राठौर ने जहां नायक नहीं खलनायक हूं मैं, छुपाना भी नहीं आता जताना भी नहीं आता हमें तुमसे मोहब्बत है बताना भी नहीं आता और ऐ मेरे हमसफ़र जैसे प्रसिद्ध फिल्मी गीत गाए वहीं बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने देवी गीत और जागरण गीतों के माध्यम से उपस्थित दर्शकों का मन मोहा । नीतू कुमारी नवगीत ने झुलेली झुलनवा मैया, झूला झूले ला; भैरो भैया झूला झूला मैया झूले ना, पूजे दुनिया चरणीय तोहार माई बाटे महिमा तोहार हो अपार माई, मुंडेश्वरी माई के महिमा अपरंपार बा ए सखी चला दर्शन कराई दा, माई के चुनरी देखी चंदा चमके सूरज दमके तारा झिलमिल झिलमिल छलके लाली रूप सुहावन लागे रे, मैया मोरी चुनरी ओढावेली तो पावन लागे रे, लाली चुनरिया शोभे हो, शोभे लाली टिकुलिया जैसे अनेक भक्ति गीत गाए । उन्होंने या रब हमारे देश में बिटिया का मान हो जेहन. में बेटों जितना ही बेटी की शान हो, इज्जत बची रहे सभी बिटिया की मुल्क में, खेलें न कोई खून की होली दहेज में गीत के माध्यम से दहेज प्रथा की समाप्ति और बाल विवाह को रोकने की अपील की । लोगों से अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में न करने की अपील करते हुए उन्होंने गाया : खेले-कूदे के दिन में न शादी कि होइंहे बर्बादी जी गाया । उन्होंने पटना से पाजेब बलम जी आरा से होठलाली मंगाई दा छपरा से चुनरिया छींटवाली और चल राजा करेला कटनिया के माध्यम से लोगों को झुमाया । लोक गायिका रागनी और अंचला ने भी अनेक मनमोहक देवी गीता और लोकगीत पेश किए कार्यक्रम का संचालन सोनी कुमारी और जितेंद्र सिन्हा ने किया ।
-नसीम रब्बानी, पटना/ बिहार