कानपुर- गोविंद नगर थाना अंतर्गत रतनलाल नगर चौकी क्षेत्र के दबौली इलाके में एक छात्र ने घर के बाहर छज्जे में लगी रेलिंग से फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली जिसे देख इलाकाई लोगों की भीड़ जमा हो गई जिसकी सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
जानकारी करने पर पता चला कि दबौली निवासी मनोज भटनागर जोकि डिफेंस में कार्यरत हैं वह अपने वा अपने दो भाइयों के परिवार संग 3 मंजिला इमारत में अलग-अलग मंजिल में एक साथ रहते हैं।
जिसमें बडे भाई मनोज भटनागर के छोटे भाई रितेश भटनागर अपनी पत्नी ज्योति व बेटे कृष्णा संग सबसे ऊपरी मंजिल में रहते है, मंंझिला भाई विवेक भटनागर अपनी पत्नी रेनू वा बच्चों अदिति और अक्षत संग सबसे निचली मंजिल में रहते हैं और मनोज भटनागर अपनी पत्नी मनीषा वा बच्चों आयुष, आर्यन वा जुड़वा बेटो अमर और अर्जुन संग बीच वाली मंजिल में रहते हैं
पुलिस के मुताबिक मनोज भटनागर का बड़ा बेटा आयुष जिसकी उम्र करीब 23 वर्ष है जिसने आज सुबह जब घर में सब सो रहे थे उस वक्त उठकर कमरे से निकल कर घर कि पहली मन्जिल के छज्जे में लगी रेलिंग से चादर का फंदा बनाकर खुद को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
सुबह जब इलाकाई लोग अपने अपने घर से बाहर निकले तो आयुष को घर के बाहर छज्जे में लटका देखकर लोगों के होश उड़ गए और देखते ही देखते वहा पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। कुछ समय बाद सुबह तकरीबन 5:30 बजे जब आयुष की मां उठी तो उन्हें घर के बाहर शोर-शराबा सुनाई दिया जिसे सुनकर वह कमरे से निकल कर बाहर छज्जे में आई जहाँ मां के बाहर आते ही आयुष को लटका देख मां के भी होश उड़ गए और वह जोर जोर से चिल्लाने रोने लगी जिनकी आवाज सुनकर पूरा परिवार उठ गया और आयुष को फंदे से लटकता देख उसे नीचे उतारा और उतार कर पुलिस को सूचना दी सूचना पाकर मौके पर आई पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल कर शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिजनों के मुताबिक आयुष लॉक डाउन के बाद घर से बाहर न निकल पाने के कारण से काफी परेशान सा रहने लगा था जोकि कई दिनो से दोस्तों से मिलने की बात कहकर घर से बाहर जाने को कहता रहता था जिसके लिए उसे मना किया जाता था और वह घरवालों की बात मान कर शांत भी हो जाता था। इसके अलावा उसने कभी और कोई बात नहीं कही आराम से घर में रहता था सब कुछ ठीक था पर आज अचानक उसने फांसी लगा ली और किसी को कुछ पता भी नहीं चला कि आखिर आयुष ने खुदकुशी क्यों करली।
आयुष के साथ पढ़ चुके उसके बचपन के दोस्त भी आयुष के बारे में सुनकर सकपका गए और उसे देखने के लिए फौरन उसके घर चले आए जिसे देखकर उनकी भी आंखें नम हो गई।फिलहाल आयुष के खुदकुशी करने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया।