फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। पहले मकर संक्रांति, 26 जनवरी और 15 अगस्त को ही पतंगबाजी का शौक देखने को मिलता था। लेकिन लॉकडाउन के चलते इन दिनों हर शाम एक बार फिर से आसमान पर पतंगें दिखाई दे रही हैं। लोग अपने बच्चों और अपने परिवार के साथ पतंगबाजी करते हुए नजर आने लगे हैं। ऐसे में कह सकते हैं कि लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंस जरूर बढ़ी है, लेकिन इससे लोग अपने परिवार के उतने ही करीब भी आये हैं। बच्चे हमेशा जिद करते हैं कि पापा पतंग उड़ाने के लिए छत पर चलिए, लेकिन काम की व्यस्तता के चलते लोगों के पास इतनी फुर्सत नहीं रहती की वह बच्चों की इच्छा पूरी कर पाएं। लेकिन अब वो अपने परिवार के लिए पूरा समय निकाल पा रहे है और शाम ढलते ही लोग अपनी छतों पर टहलने के लिए पहुंच रहे हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में कस्बा फतेहगंज पश्चिमी व बरेली जैसे शहर में बहुत कम लोगों ने ही सूरज ढलते हुए देखा होगा, लेकिन इन दिनों अधिकतर लोग शाम होते ही अपनी छतों पर नीले आसमान और चिड़ियों की चहचहाहट के साथ सूरज की ढलती हुई लालिमा को देखने के लिए पहुंच जाते हैं। वहीं लोग अपनी छतों से ही एक दूसरे का हाल भी इन दिनों पूछ रहे हैं। भले ही एक दूसरे के घर में न जा पाए लेकिन इस तरीके से छत पर आकर भी वह एक दूसरे का हालचाल जान रहे हैं।।
– बरेली से कपिल यादव