बरेली/फतेहगंज पश्चिमी- लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई न छूटे इसके लिए ऑनलाइन क्लास चलाने का निर्देश तो जारी हो गया लेकिन, बच्चों का ऑफलाइन होना शिक्षकों के लिए मुसीबत बन गया है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में ऑनलाइन क्लास के संचालन में समस्या आ रही है। कई शिक्षकों का कहना है कि राजकीय स्कूलों में पढने वाले ज्यादातर छात्रों के पास एंड्राएड फोन नहीं है, ऐसे में वे ऑनलाइन क्लास में शामिल ही नहीं हो पा रहे हैं। जो छात्र वाट्सएप पर हैं भी तो उनकी संख्या चार से पांच फीसद ही है। बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग से बीस अप्रैल से ऑनलाइन क्लास शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें सभी राजकीय, सहायता प्राप्त व स्ववित्त पोषित स्कूलों के प्रधानाचार्यों को बच्चों को वाट्सएप ग्रुप से जोड़कर ऑनलाइन कक्षाएं लेने का आदेश दिया गया है लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में छात्रों को इससे जोड़ पाने में कठिनाई हो रही है। नाम ना छापने की शर्त पर क्षेत्र के इंटर कॉलेज के कुछ शिक्षको ने बताया कि विद्यालय के रिकॉर्ड में जो नंबर हैं, उसमें कई छात्रों के पास खुद का फोन ही नहीं है। जिनके पास है भी तो वे एंड्राएड फोन प्रयोग नहीं करते, ऐसे में बच्चों को किस तरह ऑनलाइन पढ़ाया जाए।
राजकीय स्कूलों के सामने बड़ी चुनौती
ऑनलाइन क्लास में सबसे ज्यादा चुनौती राजकीय विद्यालयों के सामने है। स्कूल के रिकॉर्ड से बच्चों के नंबरों को वाट्सएप ग्रुप पर जोड़ा जा रहा है लेकिन, वाट्सएप चलाने वाले छात्र न के बराबर हैं। ऐसे में सभी बच्चो को ऑनलाइन पढ़ाने में समस्या सामने आ रही है।।
– बरेली से कपिल यादव