*अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्ध्य
बिहार/मझौलिया
कोरोना वायरस के कारण पहली बार चैती छठ घर में ही मनाने को मजबूर है। इस पर्व को छठी माई पूजा ,डाला पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा आदि नामों से जाना जाता है। यह पर्व संतान प्राप्ति और संतान की सुख शांति के लिए रखा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से निसंतानों को संतान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही उनके कई अन्य मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। छठ महापर्व चुनौतियों भरा कठिन उपवास का अनुष्ठान होता है। विपदा की घड़ी में यह और भी चुनौतियों भरा हो गया है लेकिन मुश्किलें घड़ी में ईश्वर में आस्था भी बढ़ जाती है । चार दिवसीय महापर्व चैती छठ में अभी ऐसा ही झलक रहा है । कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरा देश घरों में कैद है। कोरोना के वजह से छठ व्रतियों ने छठ पर्व घर में ही मनाया है। लोग छठी मैया और भगवान भास्कर से मांग रहे हैं कि कोरोना से जंग जीतने में भारत को सफलता मिले और सभी देशवासी जल्द स्वस्थ हो। लॉक डाउन के वजह से छठ व्रत घर में ही मनाया जा रहा है।
– राजू शर्मा की रिपोर्ट