*धन्य हो कोरोना जो तेरे डर से सालों से खंडर पड़ चुके घरों में फिर से लौटी रौनक
पौड़ी गढ़वाल/उत्तराखंड – कोरोना वाइरस ने पूरे विश्व में ऐसा कहर बरपाया कि विश्व के कई देशों की नींद उड़ गई, कोरोना वायरस से कई देशों को तीन से 5 महीने तक लॉक डाउन कर दिया गया,जिससे इन देशों में कोरोना वाइरस का संक्रमण फैलने से रोका जा सके,लॉक डाउन से कई देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा गई।
उत्तराखंड में कोरोना वाइरस के चलते लॉकडाउन से पहाड़ी जनपदों से कई वर्षो पूर्व खाली हुए गांव में आजकल रौनक आ गई ,पलायन के चलते उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदो के गांव लगभग खाली होने के कगार पर है,सदियों पुराने मकान जिनमे कभी कई परिवार इकठ्ठा रहते थे, वो मकान खाली होने के साथ साथ खंडर भी हो चुके हैं और कई गांवों की तो ऐसी हालत हो गई थी कि जिनमे केवल बुजुर्ग ही बचे हैं और कई गांव पूरी तरह से खाली हो गए हैं।
उत्तराखंड सरकार पलायन रोकने के अनेक प्रयास करती आई है,जब सरकार से पहाड़ी जनपदों से पलायन नही रोका जा सका तो सरकार ने पालयन रोकने में प्रदेश में पालयन आयोग ही बना दिया,इस पालयन आयोग में आज सबसे ज्यादा पालयन है।ऐसे में जब चीन ने कोरोना वायरस से पूरा विश्व को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया है, तो कोरोना वाइरस के चलते लॉकडाउन से उत्तराखंड के उन लोगों को पहाड़ वापसी के लिए मजबूर कर दिया है,जो सालों पहले अपनी मातृ भूमि छोड़ चुके थे और उनके घर का अब नामो निशान भी मिट चुका है।
प्रदेश सरकार के लिए ये कहने को हो गया कि उन्होंने रिवर्स पलायन किया है क्योंकि उनके शासनकाल में ही कोरोना ने कदम रखा भारत मे ओर इसी कोरोना की वजह से आज वर्षो पहले गांव छोड़ चुके लोग अब अपनी जगह अपना घर गांव तलासने पर मजबूर हो गए हैं।जिनके घर के कुछ अवशेष अभी बाकी थे वे अब अपने घर को पुनर्जीवित करने का कार्य तेजी से करवाने लग गए हैं।आज पहाड़ के गांवों में वो सदियों पुरानी रौनक लौट आई है,वही गांवों में लोगो के साथ साथ परिवारों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।
अब पहाड़ो के बुजर्ग लोग कह रहे कि हे कोरोना तू न रहे भारत में पर तेरा डर कायम रहे क्योंकि तेरे डर से मेरे पहाड़ की रौनक बरकरार रहेगी।
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट