बरेली। रंगों के त्योहार होली पर केमिकल व मिलावटी रंग लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। होली पर मिलावटी खाद्य पदार्थ ही नहीं मिलावटी रंग-गुलाल के कारण भी आपकी सेहत बिगड़ सकती है। बाजार में हर्बल और ऑर्गेनिक रंगों के नाम पर रसायन युक्त खतरनाक रंग बेचा जा रहा है। यह रंग त्वचा के साथ ही आंखों और श्वसन तंत्र को भी नुकसान पहुंचा सकता है। पिछले कुछ वर्षों से हर्बल और ऑर्गेनिक रंगों की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ा है। उत्पादक इसका पूरा लाभ उठा रहे हैं। केमिकल युक्त रंगों पर ही हर्बल रंगों का लेवल चिपकाकर बाजार में उतार दिया गया है। इनकी पैकिंग बेहद आकर्षक होती है। इनको देखकर लगेगा ही नहीं कि यह रंग केमिकल वाले सस्ते रंग हैं। जानबूझकर इनकी कीमत भी कुछ ज्यादा रखी जाती है। ताकि लोगों को यह भरोसा हो सके कि वो सही उत्पाद खरीद रहे हैं। आम तौर पर सामान्य रंग 10 से 20 रुपये में मिल जाता है तो हर्बल रंग 30 से 60 रुपये तक में बेचा जा रहा है। जबकि स्तरीय हर्बल रंग खरीदने के लिए आपको लगभग 100 से 200 रुपये तक खर्च करने होंगे। समझदारी होगी कि ब्रांडेड कंपनियों के ही रंग-गुलाल खरीदे जाएं।
खतरनाक रसायनों का करते हैं प्रयोग
होली पर बेहद सस्ते और गाढ़े रंग खरीदने से बचना चाहिए। इन रंगों को बनाने में खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। लाल रंग को बनाने में मरकरी सल्फाइड का इस्तेमाल होता है तो हरा रंग कॉपर सल्फेट से बनाया जाता है। काला रंग लेड आक्साइड से बनाया जाता है। बैगनी रंग के लिए क्रोमियम आयोडाइड का इस्तेमाल होता है। यह दमा रोगियों के लिए खतरनाक है। सिल्वर रंग में मौजूद एल्युमिनियम ब्रोमाइड भी बहुत नुकसानदेह होता है। रंगों में मौजूद रसायन क्रोमियम, कैडमियम निकल आदि भी त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं।
घर पर ही बना सकते हर्बल रंग
हल्दी और लाल चंदन के प्रयोग से होली खेली जा सकती है।
टेसू के फूलों को भिगोकर सुगंधयुक्त रंग तैयार हो सकती है।
गेंदे के फूलों को उबालकर रात भर पानी में रखें। इससे पीला रंग तैयार होगा।
मेहंदी की पत्तियों को उबले पानी में छोड़ने से मेहंदी रंग तैयार हो जाएगा।
चुकंदर के जरिए गाढ़ा लाल रंग तैयार किया जा सकता है।
यह करेें बचाव
– रंग खेलने से पहले त्वचा पर वैसलीन, क्रीम अथवा तेल लगाएं।
– रंगों के अत्यधिक प्रयोग से बचें, केमिकल रंग से दूर रहें।
– रंगों से आंखों को सुरक्षित रखें, गुलाल से भी बचें।।
– बरेली से कपिल यादव