मांगों को लेकर ग्रामीण चौकीदारों ने रोहतक में लघु सचिवालय पर किया जोरदार प्रदर्शन

*डीडीपीओ नरेंद्र धनखड़ को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नाम सौंपा ज्ञापन
*आरोप – ग्रामीण चौकीदारों को न तो कर्मचारी घोषित किया जा रहा है और ना ही दिया जा रहा है न्यूनतम वेतन
हरियाणा/रोहतक- 5 साल से बकाया पड़े मुनादी भत्ते, मासिक मानदेय के भुगतान में हो रही देरी एवं गांव में मृत्यु रिकॉर्ड बनाने का काम चालू न करवाने के खिलाफ रोहतक जिले के ग्रामीण चौकीदारों ने हरियाणा ग्रामीण चौकीदार सभा (सीटू) के नेतृत्व में लघु सचिवालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के उपरांत उन्होंने डीडीपीओ नरेंद्र धनखड़ को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नाम ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन से पहले सभी ग्रामीण चौकीदार स्थानीय मानसरोवर पार्क में एकत्रित हुए और जिला प्रधान भगत सिंह की प्रधानता में सभा की।
सभा में उपस्थित ग्रामीण चौकीदारों को संबोधित करते हुए सीटू जिला सह सचिव कामरेड विनोद और हरियाणा ग्रामीण चौकीदार सभा के जिला सचिव धर्मबीर किलोई ने कहा कि मौजूदा सरकार और जिला प्रशासन ग्रामीण चौकीदारों के साथ भेदभाव का रवैया अपनाए हुए हैं। इस रवैया के चलते एक और तो ग्रामीण चौकीदारों को न तो कर्मचारी घोषित किया जा रहा है और ना ही न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ग्रामीण चौकीदारों को नौकरी के एवज में मिलने वाले मानदेय मुनादी भत्ते को लेकर नकारात्मक रवैया अपनाए हुए हैं। आलम यह है कि 5 साल पहले का बकाया पड़ा 2 वर्ष का मुनादी भत्ता ग्रामीण चौकीदारों को भुगतान नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर ग्रामीण चौकीदार बार-बार ब्लॉक को और ब्लॉक बीडीपीओ और जिला प्रशासन को अपनी शिकायतें दे चुके हैं परंतु कोरे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हो रहा है। आए दिन चौकीदारों पर काम बढ़ाया जा रहा है परंतु उनके मानदेय की बढ़ोतरी पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
सर्वविदित है कि बहुमत चौकीदार दलित और वंचित तबकों से है और सरकार की नीतियों के चलते ग्रामीण चौकीदार बदहाली में जीने को मजबूर है। उन्होंने सभी ग्रामीण चौकीदारों का आह्वान करते हुए कहा कि आगामी दिनों में इस संघर्ष को और तेज करना होगा।
हरियाणा ग्रामीण चौकीदार सभा के जिला प्रधान भगत सिंह ने कहा कि 5 नवंबर, 2019 को हरियाणा सरकार द्वारा गांव में हुई मृत्यु के रिकॉर्ड को ई दिशा पोर्टल पर इंद्राज करवाने हेतु ग्रामीण चौकीदारों की जिम्मेदारी के आदेश जारी किए गए थे। इन आदेशों के तहत प्रत्येक गांव के चौकीदारों को 18 नवंबर से गांव में हुई मृत्यु की सूचना गांव के सीएससी ऑपरेटर को देनी थी।
उन्होंने बताया कि इस सूचना को ऑपरेटर तक पहुंचाने के लिए हमें न तो कोई रजिस्टर और ना ही कोई प्रोफॉर्मा अभी तक दिया गया है। जिस कारण से हमें इस काम को करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस काम को पूरा करने के लिए हर ग्रामीण चौकीदार की आईडी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा बनवाई जानी थी। परंतु यह आईडी नहीं बनवाई जा रही है। इसके चलते प्रत्येक सूचना पर ग्रामीण चैकीदारों को मिलने वाली 300 रुपए की राशि के भुगतान का मामला भी उलझता जा रहा है।
भगत सिंह ने कहा कि गत 10 फरवरी को इस काम के बदले में ग्रामीण चौकीदारों को मिलने वाले इंसेंटिव के भुगतान को लेकर निदेशालय द्वारा पत्र भेजा जा चुका है। सभा के बाद ग्रामीण चौकीदारों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय तक प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में समस्याओं का निपटारा करने का आश्वासन देते हुए डीडीपीओ नरेंद्र धनखड़ ने कहा कि एक सप्ताह में ग्रामीण चौकीदारों की स्थानीय समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा। यूनियन नेताओं ने एक सप्ताह में समाधान ना करने की सूरत में आर पार के आंदोलन की चेतावनी जिला प्रशासन को दी। प्रदर्शन को भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआई) ने भी अपना समर्थन दिया।
इस मौके पर प्रदर्शनकारियों को सांपला ब्लाक के प्रधान राज सिंह भैंसरू, लाखनमाजरा ब्लाक के प्रधान रामनिवास टिटौली और सचिव जिया लाल खरक, रोहतक ब्लाक के प्रधान श्रीओम, कलानौर ब्लाक के प्रधान श्रीकृष्ण सांगाहेड़ा और कृष्ण ककराना में प्रमुख रूप से संबोधित किया।
प्रदर्शन में भीम, राजेश बनियानी, रवि, सुरेंद्र खरावड़, बसंत, रविंदर कारोर, राजेश कबूलपूर, हरिओम मुगाण, आजाद खरैंटी, राजेंद्र लाखन माजरा एवं सतीश इस्माईला प्रमुख तौर पर मौजूद थे।

– रोहतक से हर्षित सैनी

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