वाराणसी/पिंडरा- ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम पिंडरा मणिकण्डन के ऊपर सख्त तेवर व तानाशाही रवैया अपनाए जाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को पिंडरा तहसील के सभी लेखपाल कार्य बहिष्कार पर रहे। जिससे फरियादियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सोमवार को सुबह 9 बजे तहसील सभागार में आईएएस/एसडीएम ने बैठक बुलाई थी। इस दौरान एसडीएम ने अतिरिक्त गांवो के कार्य को पूर्व की भांति करने का दबाव बनाने लगे। जिसपर जब लेखपालो ने प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर अतिरिक्त गांवो के कार्य को न लेने की बात कही तो एसडीएम नाराज हो गए और लेखपालो को निलंबित करने की बात कही। जिससे नाराज लेखपाल बैठक छोड़कर हाल से बाहर बरामदे में आकर धरने पर बैठक की। इस दौरान निर्णय लिया कि जब तक एसडीएम को यहाँ से नही हटाया जाएगा तब तक हम सभी लेखपाल काम नहीं करेंगे। लेखपाल के इस निर्णय का प्रभाव अन्य तहसीलों में भी पड़ेगा। जिलाध्यक्ष उमाशंकर सिंह ने बताया कि यदि प्रशासन हम लेखपाल के प्रति सहानुभूति नही दिखती तो अन्य तहसील के लेखपाल भी हड़ताल में शामिल होंगे।
इस बाबत डीएम व एसडीएम समेत अनेक उच्चाधिकारियों व प्रदेश नेतृत्व को पत्रक भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
धरने के दौरान संघ के जिला अध्यक्ष उमाशंकर सिंह व जिला मंत्री आशीष प्रकाश शर्मा व पिन्ड्रा के संयोजक संतोष पटेल, सहसंयोजक संदीप सिंह, सुरेंद्र मौर्य व मोहम्मद अयूब राजेश कुमार चंद्रप्रकाश, हरेराम व धीरज, आशीष कुमार, दयाशंकर सिंह, धर्मेंद्र वर्मा, स्वाति, हिमांशी, शिक्षा , शाजिया मंजूर व अनीता के साथ-साथ समस्त राजस्व निरीक्षक व लेखपाल उपस्थित रहे।
एसडीएम पिंडरा मणिकण्डन अतिरिक्त गांवो में कार्य कराने का आरोप गलत है। केवल सरकारी काम पूर्ण करने के लिए कहा गया नही किये। नियमानुसार लेखपालो पर कार्यवाही होगी।
रिपोर्टर:- महेश पाण्डेय