आजमगढ़- राज्य मंत्री श्रम कल्याण परिषद श्रम मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार एवं सदस्य केवीआईसी आयोग, भारत सरकार, सुनील भराला जी की अध्यक्षता में श्रम विभाग के अधिकारियों, श्रमिक एवं उद्यमियों तथा स्थानीय जन प्रतिनिधियों की मण्डलीय समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।इस अवसर पर मा0 अध्यक्ष जी द्वारा परिषद की ओर से संचालित पंजीकृत दुकान एवं कारखानों में कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं एवं प्राविधिक शिक्षा में प्रवेश पाने पर आर्थिक सहायता श्रमिकों के मेधावी पुत्र/पुत्रियों को 60 प्रतिशत से अधिक अंक पाने पर रू0 तीन हजार तथा 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने पर रू0 पाॅच हजार की पुरस्कार सहायता, पुत्री के विवाह हेतु रू0 पन्द्रह हजार की आर्थिक सहायता, मृत्यु की स्थिति में श्रमिक की विधवा को रू0 15000 की आर्थिक सहायता, आदि संबंधित योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।उन्होने यह तथ्य भी संज्ञान में लाया कि उक्त योजनाओं के अन्तर्गत सहायता लगभग दोगुनी की जा रही है, ताकि योजनाएं और उपयोगी बन सके। परिषद द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत दुकानों एवं कारखानों में कार्यरत श्रमिकों द्वारा आवेदन बहुत कम दिये जाते हैं। मा0 अध्यक्ष जी ने यह निर्देश दिया कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों एवं उद्यमियों को प्रेषित करके कल्याणकारी योजनाओ के अधिकाधिक आवेदन प्राप्त कर उन्हें लाभान्वित कराया जाय।
परिषद के सदस्यों द्वारा पर्याप्त विचार-विमर्श के उपरान्त जनपद आजमगढ़, मऊ एवं बलिया जनपद के सभी मजदूरों से अपील किया है कि वे श्रम कल्याण परिषद में सहायता हेतु अपना आवेदन श्रम विभाग में प्रस्तुत कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उक्त बैठक में मा0 अध्यक्ष के अतिरिक्त श्रम कल्याण परिषद के सदस्य राधेकृष्ण त्रिपाठी, कन्हैया लाल भारतीय, अजीत जैन, कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा तथा उप श्रमायुक्त रोशन लाल, मण्डल के जनपदों के श्रम प्रवर्तन अधिकारी जयशंकर प्रसाद, दिनेश कुमार विश्वकर्मा, मान सिंह, शशिकान्त पाण्डेय, धीरज सिंह एवं श्रमिक प्रतिनिधि दिवाकर तिवारी, विजय मिश्रा एवं अन्य अनेक महानुभावी द्वारा प्रतिभाग करते हुए श्रम कल्याण परिषद की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की बेहतर क्रियान्वयन हेतु विचार-विमर्श किया गया।
रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़