बिहार/ मझौलिया – गणेश चतुर्थी और ऋषि पंचमी धूमधाम से मनाया गया इस व्रत को लेकर बाजारों में काफी महंगाई देखने को मिली जिसमें खीरा, मकई के बाल एवं पसई धान के चावल महंगे दामों में बिके। हिंदू धर्म में पवित्रता का बहुत ही अधिक महत्व होता है । इस व्रत को पापों से दूर करने वाला व्रत कहा जाता है । इस पर्व में कथा सुनने की परंपरा है यह व्रत शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को रखा जाता है इस व्रत से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस पर्व में हल से जोते हुए अनाज को नहीं खाया जाता है। व्रत को करने वाली महिला नदिया ,तालाबो पर चिरचिटा या लटजीरा से दाँत साफ करके अवरा के पत्ते तिल और गंगाजल से स्नान करती है । तथा कर्मी के साग दही खाने की परंपरा है । इस पर्ब में ऋषियों के उपकारो को स्मरण करते हुए ऋषि पंचमी का पर्व मनाकर उनका नमन वंदन करते हैं।
– राजू शर्मा की रिपोर्ट