बरेली- वर्षो से रामलीला मैदान जो कि कंडा फैक्ट्री के नाम से मशहूर हो गया था पूर्व सभासद के प्रयासों से सुंदर पार्क बनने जा रहा था कि इस पर भाजपा नेता ने अवैध कब्जे का मन बना लिया। जिसको लेकर क्षेत्रवासियों में रोष व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार हार्टमैन कालेज के पास रामलीला मैदान में वर्षों से रामलीला के लिए प्रसिद्ध था किन्तु रामलीला के समय पर ही इसकी सफाई होती थी बाकी समय यह कंडा फैक्ट्री के नाम से मशहूर हो गया था। पूर्व सभासद गौरव सक्सेना ने बहुत प्रयासो के बाद इसे सुंदर पार्क बनाने का प्रयास किया था जिसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत लगभग पौने दो करोड़ रूपये स्वीकृत कराये।इसी के पहले चरण में लगभग 50 लाख की लागत से रामलीला मैदान की बाउड्री करायी गयी।
जानकारों की मानें तो एक भाजपा नेता इस पर बाजार लगाकर अवैध कब्जे की फिराक में है। जब इस संदर्भ में गौरव सक्सेना से बात की तो उन्होंने कहा कि रामलीला कमेटी विवादित है इसीलिए जिला प्रशासन ने इस पर प्रशासक बैठाया है।जिला प्रशासन और अन्य लोगों के सहयोग से ही इस पर रामलीला का आयोजन कराया जाता है। अमृत योजना केंद्र सरकार की योजना है नगर निगम ने पार्क का प्रस्ताव भेजा था जिस पर सरकार ने पौने दो करोड़ रूपये धनराशि पार्क के लिए स्वीकृत की थी।उस समय पार्क के लिए भूमि पूजन का पत्थर भी लगाया था वह भी हटा दिया गया है। दूसरी तरफ सड़क भी छोड़ी गयी थी जो नगर निगम से पास कराकर ही छोड़ी गयीं थी जिसे भी बंद कर दिया गया है।
इस पर यदि कुछ भी होता है वह नगर निगम की वोर्ड की बैठक में पास कराकर ही हो सकता है अन्यथा सब अवैध है।
अब सबाल यह है कि क्या इस जमीन पर कमेटी का हक है अगर कमेटी का हक तो नगर निगम ने पार्क का प्रस्ताव भेजा ही क्यों?यदि धनराशि स्वीकृत हुई और बाउड्री हो रही थी तब कमेटी कहां थी उस समय विरोध क्यों नहीं किया।
अब देखना यह है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन क्या कार्यवाही करता है क्या सरकारी पैसा ऐसे ही बर्बाद होता रहेगा। फिलहाल क्षेत्रीय लोगों में रोष फैल चुका है।