आजमगढ़- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोयलसा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पैथोलाॅजी कक्ष, एक्सरे कक्ष, औषधी भण्डार कक्ष, नेत्र परीक्षण कक्ष, आकस्मिक वार्ड कक्ष, दवा वितरण कक्ष, 30 बेड मैटरनिटि, एचआईवी पैथालाजी कक्ष आदि का निरीक्षण किया गया।निरीक्षण में पाया गया कि परिसर में पुराना भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, वर्तमान में इस भवन की कोई उपयोगिता नही हो रही है, जिस पर जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देशित करते हुए कहा कि इस भवन को नियमानुसार डिस्पोजल कराना सुनिश्चित करें तथा इस स्वास्थ्य केन्द्र का अप्रोच मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है, इसकी मरम्मत की आवश्यकता है, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड के माध्यम से इस अप्रोच मार्ग की मरम्मत शीघ्र करायी जाय,निरीक्षण के दौरान डा0 एसके त्रिपाठी अपने कक्ष में उपस्थित मिले, उनके द्वारा एक मरीज का परीक्षण किया गया था, इनके बगल स्थित बाह्य रोग कक्ष में दो चिकित्सक एक नियमित एवं एक आयुष चिकित्सक बैठी थी, जिलाधिकारी द्वारा पूछने पर बताया गया कि यहां पर कक्ष की कमी के कारण दो चिकित्सक एक ही कक्ष में बैठकर मरीजों का उपचार करते हैं। इस अवसर पर पैथोलाजी कक्ष का निरीक्षण किया गया, बताया गया कि वर्ष 2004 से यहां पर विभिन्न रोगों की जांच की जाती है तथा 30 से 35 मरीजों की जांच प्रतिदिन की जाती है। निरीक्षण के समय एक महिला हिमोग्लोबिन की जांच हेतु पैथोलाजी में बैठी पायी गयी। एक्स-रे कक्ष के निरीक्षण के दौरान बताया गया कि यहां पर प्रतिदिन 3 से 4 मरीजों का एक्स-रे होता है, किसी प्रकार की कोई समस्या नही बतायी गयी। इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा औषधी भण्डार कक्ष का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान इस कक्ष में सीलन पायी गयी, इस स्वास्थ्य केन्द्र की दीवाल पर मात्र 7 दवाओं का नाम पेंट से लिखा गया है, किन्तु इन 7 दवाओं में से आज की तिथि में कितनी मात्रा मे कौन-कौन सी दवाएं उपलब्ध हैं, इसका अंकन नही किया गया है, यह स्थिति असंतोषजनक है, जिस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्ध सभी दवाओं के नाम दीवाल पर पेंट से लिखवाया जाय तथा प्रतिदिन इन पर दवाओं की उपलब्धता का भी विवरण अनिवार्य रूप से अंकित किया जाय। साथ ही यह भी निश्चित किया जाय कि मरीजों को स्वास्थ्य केन्द्र से ही दवाएं उपलब्ध हो जाय। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की दीवाल पर आकस्मिक सेवाओं के लिए किससे सम्पर्क किया जा सकता है, से संबंधित नम्बर का भी अंकन नही किया गया है, तद्नुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारी द्वारा प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया, ताकि आकस्मिक सेवाओं के लिए किसी भी मरीज एवं परिजनों को अनावश्य रूप से परेशान न होना पड़े।
जिलाधिकारी द्वारा दवा वितरण कक्ष का निरीक्षण किया गया, इस कक्ष में पर्ची भी कटती है, तथा दवा का वितरण होता है, जिस कारण इस कक्ष में भीड़ अधिक रहती है। प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कक्ष की कमी के कारण उक्त दोनों कार्य एक कक्ष से किया जाता है।
जिलाधिकारी द्वारा सामुदायिक केन्द्र पर उपस्थित एक वृद्ध व्यक्ति से पूछने पर बताया गया कि उनके परिवार के एक बच्चे को कुत्ता काट लिया है, इंजेक्शन लगवाने के लिए आये हैं, किन्तु अभी तक इंजेक्शन नही लगा है, इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि कुत्ता काटने से संबंधित अब तक तीन मरीज आये हैं, जैसे ही दो और मरीज आते हैं, इंजेक्शन लगाया दिया जायेगा,क्योंकि इंजेक्शन की शीशी खोलने के बाद खराब हो जाती है। इसी के साथ ही जिलाधिकारी द्वारा 30 बेड मैटरनिटी विंग का निरीक्षण किया गया, इस परिसर में काफी गंदगी पायी गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि परिसर की सफाई व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करें तथा परिसर में वृक्षारोपण भी करायें। बताया गया कि आज 5 डिलवरी हुई है तथा दो अन्य मरीज भी भर्ती हैं, जिनका उपचार चल रहा है, यह भी अवगत कराया गया कि डिलवरी कराने के बाद 6 से 8 घण्टे बाद मरीज अपने घर चली जाती हैं। इस स्वास्थ्य केन्द्र पर महीने में लगभग 150 से 200 मरीज अपने घर चली जाती हैं, मरीजों को सुबह ब्रेड व चाय दिया जाता है, तथा दिन के भोजन भी दिया जाता है। जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया है कि इस कक्ष में मरीजों के सगे संबंधियों का अनावश्यक रूप से भीड़ न होने दिया जाय।जिलाधिकारी द्वारा एचआईवी कक्ष का निरीक्षण किया गया, बताया गया कि लगभग 180 एचआईवी पीजीटिव मरीज हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत पुरूष व 30 प्रतिशत महिला हैं।
जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र परिसर की सफाई व्यवस्था की आरे विशेष ध्यान दिया जाय, यह सुनिश्चित किया जाय कि मरीजों को दवायें स्वास्थ्य केन्द्र से ही मिलें। दवाओं की उपलब्धता के संबंध में दीवाल पर पेंट से विवरण अंकित किया जाय।
रिपोर्ट:-राकेश वर्मा आजमगढ़