चन्दौली- खबर चंदौली जनपद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से है जहां आरपीएफ के जवानों ने बंधुआ मजदूरी के लिए जा रहे 7 बाल मजदूरों को मुक्त कराया है। ये बच्चे चंदौली जिले के ही रहने वाले हैं और गरीबी के कारण उनके परिजनों ने मजदूरी करने के लिए इनको दलालों के सुपुर्द कर दिया था। मामला बाल श्रम से जुड़ा है जहां विभागीय उदासीनता के कारण फैक्ट्रियों व निजी कार्यों में बाल मजदूरी की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सरकार बाल मजदूरी रोकने के तमाम दावे भले ही कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।दरअसल ये बाल मजदूर नक्सल प्रभावित जिले के अत्यंत पिछड़े चकिया इलाके के रहने वाले हैं जहां गरीबी के कारण उनके माता-पिता कम उम्र में ही इन्हें मजदूरी के लिए बड़े शहरों में भेज रहे हैं। एनजीओ को मिली सूचना पर उन्होंने प्लेटफॉर्म पर तैनात आरपीएफ से संपर्क साधा और सीसीटीवी के जरिए बच्चों की तलाश कर ली।मुक्त कराए गए सातों बच्चे नाबालिग बताये जा रहे हैं वही बिचौलिया पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताया जा रहा है। फिलहाल आरपीएफ ने बच्चों के परिजनों को सूचना दे दी है साथ ही बच्चों को एनजीओ के सुपुर्द कर दिया है।
रंधा सिंह चन्दौली