शिक्षा का सच: बीआरसी पर बच्चों से करवाई मजदूरी,वीडियो वायरल होने पर अफसर बोले करायेंगे जांच

*सरकारी स्कूल में पढ़ने आए नौनिहालों से कराई मजदूरी

*विद्यालय खुलने के तीसरे दिन ही ब्लॉक संसाधन केंद्र आराजी लाईन में खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता की नाक के नीचे विद्यालय में पढ़ने वाले मासूम बच्चों से मजदूरी कराई गई। किताबों के बंडल माल वाहन आटो में लोड कराए गए। वाहन में किताबे लादते बच्चों की तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई

वाराणसी/रोहनियां- प्रदेश में महीने भर की छुट्टी के बाद सोमवार को पहले दिन स्कूल खुला। कई जिलों में सरकार के मंत्रियों ने स्कूल चलो अभियान को हरी झंडी दिखाया। लेकिन यहां प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में प्रशासन द्वारा छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का वीडियो वायरल हुआ है।
सोमवार से जहां एक तरफ बेसिक शिक्षा विभाग ‘सब पढें-सब बढें’ का नारा देकर नौनिहालों का भविष्य संवारने का सपना दिखा रहा था।
वहीं दूसरी ओर विद्यालय खुलने के तीसरे दिन यानी 3 जुलाई बुधवार को ही ब्लॉक संसाधन केंद्र आराजी लाईन में खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता की नाक के नीचे विद्यालय में पढ़ने वाले मासूम बच्चों से मजदूरी कराई गई। किताबों के बंडल वाहन में लोड कराए गए। माल वाहन आटो में किताबे लादते बच्चों की तस्वीरें उधर से गुजर रहे सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता के कैमरे में कैद हो गई।
वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि किस तरह बच्चे किताबों के बंडल सर पर उठाकर वाहन में रख रहे है। वीडियो सुबह का है अगर स्कूल के समय में ये बच्चें किताबे ढो रहे है तो स्कूल में अध्यापक किसको पढ़ा रहे थे।
एनपीआरसी से किताबें स्कूल पहुंचाने का जिम्मा सेंटर कोऑर्डिनेटर को होता है। किताब पहुंचाने के लिए बजट भी होता है लेकिन स्कूली बच्चों से काम कराने के बाद ये अफसर बजट डकार जातें है।
ये पूरा खेल बीएसए व बीईओ के शह पर होता है। इस संबंध में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने फोन नही उठाया।
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि गरीब, मजदूर, किसान वर्ग के माता-पिता अपने नौनिहालों को स्कूल इसलिए भेजते हैं, ताकि पढ़-लिढ़कर उनके बच्चे भी अच्छे नागरिक बन सकें। उन्हें परिवार के दूसरे लोगों की तरह मजदूरी न करनी पड़े, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग इतना संवेदनहीन हो गया है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए जाने नौनिहालों से मजदूरी कराई जा रही है।
इस पूरे मामले को सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने अपने इस घटना का वीडियो तक वायरल किया, लेकिन अफसरों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। यह मामला ब्लॉक संसाधन केंद्र पर हुआ, फिर भी अफसर आंखें मूंदे रहे।
इस बावत राजकुमार गुप्ता ने कोई कार्रवाई नहीं होने पर जनसुनवाई पोर्टल पर बेसिक शिक्षा विभाग व श्रम विभाग के साथ ही मुख्यमंत्री और बाल संरक्षण अधिकार आयोग को शिकायत मेल करके दोषियों की दंडित करने की मांग की है।

रिपोर्ट राजकुमार गुप्ता वाराणसी

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