जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन में शिक्षा ग्रहण कर रहे मासूम:शिक्षामित्र के भरोसे है स्कूल

शेरकोट – शेरकोट थाना क्षेत्र के ग्राम उमरपुर आशा में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय उमरपुर आशा सन 1974 से चला आ रहा है जिस की आज की स्थिति बद से बदतर नजर आती है अधिकांश स्कूल भवन जर्जर हालत में है यहां तक कि दरवाजे व खिड़कियां भी टूटी हुई है। सुरक्षा की दृष्टि से कराई गई विद्यालय की दीवार वह भी टूटी हुई है जिससे आवारा जानवरों द्वारा किसी अनहोनी का डर मासूम बच्चों को सताता रहता है।

इस विषय में जब फ़ोन पर प्रधानाध्यापक देवेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस विषय में कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है परंतु अधिकारियों के कान पर जू नहीं रेंगती।वहीं विद्यालय के प्रबन्धक पवन कुमार से जब जानकारी लेनी चाहिए तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला।

शिक्षामित्र सत्येंद्र कुमार ने बताया कि उक्त प्राथमिक विद्यालय में लगभग 75 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं जिसमें मौके पर चंद ही बच्चे दिखाई दिए ।अकेले शिक्षामित्र मौजूद बच्चों को पढ़ाते हुए नजर आए जबकि उक्त प्राथमिक विद्यालय से प्रधानाध्यापक देवेंद्र कुमार पवन कुमार नदारद मिले यदि यही हाल इस शिक्षा के मंदिर का रहा तो वह दिन दूर नहीं जब बच्चों का भविष्य अंधकार में हो जाएगा।

एक तरफ जहां मोदी व योगी सरकार स्वच्छता अभियान को परवान चढ़ा रही है ऐसे में उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक व अध्यापक सरकार की इस स्वच्छता योजना को पलीता लगा रहे हैं विद्यालय में खड़े एकमात्र नल जिसके चारों ओर गंदगी के अंबार लगे हुए हैं जर्जर भवन ऐसा लगता है कि इस भवन में सन 74 से लेकर आज तक सफाई ही ना की गई हो अनेक ग्राम वासियों ने उच्च अधिकारियों से मांग की की शीघ्र ही उक्त विद्यालय के जर्जर भवन को ठीक कराया जाए तथा बाउंड्री करा कर बच्चों के प्रति असुरक्षा की भावना को दूर किया जाए।

रिपोर्ट अमित कुमार रवि

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