मध्यप्रदेश/दमोह- कांग्रेस सीट फतह करने भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी अपने-अपने दांव लगाने में जुटे हैं विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस को लोधी कार्ड का फायदा मिलने के बाद लोकसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों ने लोधी को ही टिकट दिया है लेकिन जीत की राह इतनी आसान नहीं है कांग्रेस प्रत्याशी के लिए जहां उसकी ही पार्टी से बागी हुए निर्दलीय प्रत्याशी मुसीबत बन सकते हैं तो भाजपा प्रत्याशी के लिए उनके ही नाम के कई और प्रत्याशी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं दमोह लोकसभा सीट में आठ विधानसभाएं हैं इससें दमोह की चार विधानसभाएं है इसके अलावा सागर जिले की रहली देवरी और बंडा और छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा सीट शामिल हैं पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद पटेल ने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी को 2 लाख 13 हजार वोटों से पराजित किया था इस बार भी उनके सामने एक लोधी प्रत्याशी ही है लेकिन इस बार मुकाबला जबेरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके प्रताप सिंह लोधी से हैं जो कई सालों से राजनीति और सामाजिक कार्यों से सक्रिय है ऐसे में दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है लेकिन पार्टी के बागी उन्हें नुकसान भी पहुंचा सकते हैं जैसे कि विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री स्व.रत्नेश सॉलोमन के बेटे ने निर्दलीय चुनाव लड़कर उन्हें पहुचाया था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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*टिकट नहीं मिली तो निर्दलीय उम्मीदवार बन गए*
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कांग्रेस के इन बागियों में शामिल बालाकोट निवासी दीवान नारायण सिंह ने तो टिकट वितरण प्रक्रिया शुरू होने के करीब एक माह पहले ही खुद को अघोषित तरीके से लोकसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया था और एक संभागीय सम्मेलन भी आयोजित कर दिया था जिसे लेकर कांग्रेस के नेता ही विरोध करने लगे थे लाख जतन के बाद भी उन्हें पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया इसलिए उन्होंने अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नांमाकन दाखिल किया है दूसरे बागी के तौर पर पथरिया क्षेत्र के टीडी पटेल ने भी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से अपना नामांकन दाखिल किया है।
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*प्रहलाद नाम के चार उम्मीदवार*
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भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद सिंह पटेल के अलावा तीन निर्दलीय प्रत्याशी भी ऐसे हैं जिनका नाम प्रहलाद हैं इनमें प्रहलाद भैया प्रहलाद पटेल प्रहलाद सिंह शामिल हैं प्रहलाद नाम के चार प्रत्याशी होने से मतदाता अगर भ्रमित हो गए तो हार जीत का समीकरण बिगड़ सकता है हालांकि अब ईवीएम में सभी प्रत्याशियों के नाम के सामने उनका चुनाव चिन्ह भी दिया जाने लगा है इसलिए भ्रम की गुंजाइश बहुत कम हो गई है
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*विस चुनाव में दोनों पार्टियों को बागियों ने पहुचाया था नुकसान*
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बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों को बागियों ने काफी नुकसान पहुंचाया था इसलिए दोनों ही पार्टिया बागियों को नजरअंदाज नहीं कर सकती है विधानसभा चुनाव में दमोह और पथरिया से भाजपा से बागी पूर्व मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमरिया ने नुकसान पहुंचाया था इसके अलावा पथरिया में कांग्रेस से बागी राव बृजेंद्र सिंह के कारण कांग्रेस प्रतयाशी को चौथे नंबर पर पहुंचा दिया था जबेरा में भाजपा से राघवेंद्र सिंह बागी हुए थे और कांग्रेस को पूर्व मंत्री स्व.रत्नेश सॉलोमन के बेटे आदित्य सॉलोमन ने नुकसान पहुंचाया था हटा में कांग्रेस से बागी होकर प्रदीप खटीक ने नुकसान पहुचाया था!
– विशाल रजक दमोह मध्यप्रदेश