देहरादून/उत्तराखंड- उत्तराखंड में स्थानीय समस्याओं का समाधान न होने पर प्रदेश के 14 मतदान स्थलों पर मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया। सुबह सात बजे मतदान के लिए चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारी मतदाताओं के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई भी मतदाता वोट डालने के लिए इन केंद्र तक नहीं आया।
मतदान बहिष्कार की सूचना मिलने पर निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को समझाने के लिए स्वीप टीमों को भी बूथों पर भेजा, लेकिन मतदाता समस्याओं का समाधान की मांग पर अड़े रहे।
लंबे समय से समस्याओं का समाधान न होने पर आखिरकार मतदाताओं ने बृहस्पतिवार को मतदान का बहिष्कार कर रोष जताया। टिहरी में दो, चमोली में तीन, नैनीताल में एक, बागेश्वर में दो, अल्मोड़ा में एक, चंपावत में दो और पिथौरागढ़ में तीन मतदान स्थलों पर मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया।
लोगों की मांग थी कि क्षेत्र की समस्याओं के प्रति किसी का ध्यान नहीं है। चुनाव आते ही उन्हें वोट के लिए उनकी याद आ जाती है। उधर, मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि प्रदेश के कुछ मतदान स्थलों में मतदान बहिष्कार की सूचना मिली है।
लेकिन लोकतंत्र में हर मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। मतदान का बहिष्कार करने का कोई फायदा नहीं है। यदि किसी मतदाता को प्रत्याशी पंसद नहीं है तो इसके लिए बैलेट यूनिट में नोटा का विकल्प भी दिया गया है।