झांसी। कोई मेरे लाल को वापस लौटा दो। कोई तो उठा लाओ उसे, वो अंदर कमरे में है। कुछ ऐसी दुहाई देकर वह लगातार रोए जा रही थी। कोई नहीं था, जो उस अभागी की मदद करने आगे आता। मदद करता भी कैसे, आखिर उसका तेरह वर्ष का कलेजे का टुकड़ा अब मौत की नींद सो चुका था। जी हां, बात हो रही है कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित बंगलाघाट निवासी निवासी शरद रायकवार के तेरह वर्षीय पुत्र राज रायकवार के साथ हुए हादसे की।
दरअसल आज दिन में राज रायकवार की मां मानिक चौक में रहने वाले एक रिश्तेदार के यहां पूजा में शामिल होने गई थी। घर पर राज व उसकी बुआ का लडक़ा विक्की थे। दिन में दोनों मां के पास जाने लगे। तो उनके साथ पड़ोस में रहने वाला विवेक भी साथ हो लिया। जब तीनों खोवा मंडी के पास स्थित एक गली में पहुंचे, तभी राज का अपने साथी विवेक से किसी बात पर झगड़ा होने लगा। झगड़ते इन दोनों बच्चों को लोगों ने अलग करने का प्रयास किया। सभी ने झगड़ा कर रहे इन मासूमों को अलग किया। इसी बीच राज रायकवार अचानक गिर पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लोगों ने समझा कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ा है तो उसे होश में लाने का प्रयास शुरु कर दिया। इन प्रयासों में क्षणिक सफलता भी मिली, मगर चंद मिनटों के बाद राज फिर अचेत होकर गिर पड़ा।
उसे अचेतावस्था में ही जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां परीक्षण के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को जिला चिकित्सालय स्थित शव गृह में रख दिया गया। कमरे का ताला भी बंद कर दिया गया। सूचना पाकर राज का पिता शरद रायकवार जो एक बैंक में प्राइवेट काम करता था, व रिश्तेदारी में गई मां भी जिला अस्पताल पहुंच गई। शवगृह के बाहर मृतक की मां का विलाप सुनकर भगवान का हृदय भी कांप गया होगा। उसका करुण रुंदन आसपास के लोगों की आंखों में भी अनायस ही आंसू ला रहा था। मामले की सूचना पाकर पुलिस भी जिला चिकित्सालय पहुंच गई।
-उदय नारायण, झांसी