कोलकाता- आज बंगाल की एक अप्रत्याशित घटना में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है ? क्या बिना राज्य की अनुमति से किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ बिना किसी वारंट के उसके घर में घुस कर सीबीआई पूंछ तांछ कर सकती है?
शारदा चिट फंड मामले की जांच करने के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर से पूछ-ताछ करने के लिए 40 सदस्यीय सीबीआई टीम उनके आवास पर प्रवेश करना चाहती थी । लेकिन कोलकाता पुलिस के वारंट मांगने पर वारंट न दिखा पाने के कारण सीबीआई को प्रवेश नहीं करने दिया तथा इस दल के कुछ अधिकारियों को वहां के स्थानीय पुलिस थाने में बैठाल लिया गया । लेकिन कुछ समय बाद उन्हे छोड़ दिया गया । वहां की पुलिस के इस काय॔ से पुरे देश में खलबली मच गई तथा देश की इलैक्ट्रानिक मीडिया ने तरह-तरह के कयासों का बाजार गरम कर दिया ।
इसी बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार प्रतिशोध की राजनीति कर रही है । विरोधी दलों को डराने के लिए सीबीआई का अनुचित इस्तेमाल किया जा रहा है । मोदी के इशारे पर उनके सुरक्षा सलाहकार डाभोल अंजाम दे रहे हैं । उनका कहना था कि चिट फंड बहुत छोटा घोटाला है देश में इससे बड़े बड़े घोटाले हुए हैं उनकी जांच क्यो नही?
बीजेपी हमेशा प्रतिशोध की राजनीति करती हैं मोदी सरकार अपनी सुनिश्चित हार मान कर देश के सभी विरोधी दलों के साथ सीबीआई का भूत दिखाकर परेशान कर रही है ।
कोलकाता पुलिस कमिश्नर के खिलाफ घोटाले में यदि कोई सबूत है तो उन्हे क्यो नही पेश किया जा रहा है । अपने प्रदेश के उच्य अधिकारियों की रक्षा करना मेरा ध॔म है भारत सरकार की ऐसी हरकतों से हम डरने वाले नहीं हैं सीबीआई को
डकैतों से आदेश मिल रहा है । मैने अब तक बहुत वरदास्त किया है अब धैय॔ जवाब दे रहा है मैं अब व॔रदास्त नहीं करूंगी ।
प्रेस व॔ता के बाद ममता बनर्जी मोदी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठी गई है ।
– नरेश दीक्षित