आजमगढ़- व्यक्ति में परिश्रम और दृढसंकल्प हो तो वह संघर्ष करके बडी से बडी कुर्सी तक पहुंच सकता है।कभी गरीबी या पिछडापन उन्नति के रास्ते में रूकावट नहीं बनती। उक्त बाते समाजवादी पार्टी के पूर्वमन्त्री राम आसरे विश्वकर्मा ने आज समाजवादी पार्टी कार्यालय आजमगढ पर जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयन्ती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कही। श्री विश्वकर्मा ने कहा जननायक कर्पूरी ठाकुर समाजवादी आन्दोलन के पुरोधा, ईमानदार राजनेता और दलितो पिछडो के मसीहा थे। बिहार के एक गरीब नाई परिवार में पैदा होकर अपने परिश्रम और संघर्ष के बल पर बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने यह साबित कर दिया था कि ब्यक्ति गरीब और पिछडे परिवार में पैदा होकर भी अपनी दृढसंकल्प परिश्रम और संघर्ष के बल पर देश की बडी कुर्सी तक पहुच सकता है। वह कई बार सांसद रहे। वह बिहार विधानसभा में नेता विरोधी दल भी रहे। उनमें कोई घमंड नहीं था। उन्होंने राजनीति में सादगी ईमानदारी और सदाचरण का आदर्श प्रस्तुत किया। उनका जीवन एक खुली किताब थी जिसे कोई भी पढ़ सकता था। सत्ता की उन्होंने कभी परवाह नहीं की। जब भी देखा बुनियादी विचारों से समझौते की ज़रूरत है तो उन्होंने सत्ता को तिलांजलि दी। वह समाजवादी आन्दोलन के देश के बडे नेता थे। हमेशा गरीबो पिछडो दलितों के उपर हो रहे अन्याय अत्याचार के बिरूद्ध लडते रहे। वह लम्बे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री नहीं थे। सब मिलाकर मुश्किल से वह तीन-साढ़े तीन साल सरकार में रहे होंगे।उनसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले अनेक लोग हुए लेकिन उन लोगों ने वैसी छाप नहीं छोड़ी, जैसी कर्पूरी जी ने छोडी थी। वह आज इस शिद्दत से याद किये जाते हैं तो इसका कारण यह है कि उन्होंने राजनीति को नए अर्थ और रंग दिए। पूरी समाजवादी पार्टी के लोग आज उन्हें श्रद्धा से नमन करते है और उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प लेते हैं। कार्यक्रम के संचालन हरिप्रसाद दूबे तथा अध्यक्षता जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने किया। कार्यक्रम में पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव, महिला जिलाध्यक्ष श्रीमती बबीता चौहान, चेयरमैन श्रीमती प्रेमा यादव, जयराम पटेल, मो०हाकिम बेग, राजेश गिरि, पूर्वछात्रसंघ अध्यक्ष पप्पू यादव ,देवनाथ साहू , हंसराज यादव, राजेश यादव, देवनाथ यादव ने विचार ब्यक्त किये।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़