नई दिल्ली- तुरंत तलाक से जुड़े बिल पर संसद में आम सहमति नहीं बनने के बाद गुरुवार को मोदी सरकार ने बड़ा दांव खेलते हुए इससे जुड़े अध्यादेश को मंजूरी दे दी। सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई। तुरंत तीन तलाक को अपराध घोषित करने वाले अध्यादेश की मियाद 22 जनवरी को खत्म हो रही थी।
संसद के विंटर सेशन में सरकार ने तुरंत तीन तलाक से जुड़ा बिल पास कराने की कोशिश की थी, लेकिन राज्यसभा में विपक्ष ने यह कहकर बिल पास नहीं होने दिया कि सरकार ने बहुत हड़बड़ी में बिना सबकी सहमित लिए इसे पेश किया है। अब इससे जुड़ा बिल बजट सत्र में पेश किया जाएगा। अध्यादेश जारी होने के बाद इस पर राजनीति तेज हो गई।
अध्यादेश के मुताबिक, तुरंत तीन तलाक में एफआईआर तभी होगी, जब पीड़ित पत्नी या उनका खून का कोई रिश्तेदार केस दर्ज कराएगा। तत्काल तीन तलाक गैर जमानती अपराध रहेगा लेकिन मैजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत मिल सकेगी।