आज़मगढ़- सरकार के लाख दावे के बाद भी ईंट भट्ठों पर बंधुआ मजदूरी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। आजमगढ़ के कप्तानगंज थाना के देउरपुर में ईंट भट्ठे पर पिछले दो महीनों से छतीसगढ़ प्रदेश से मजदूरी करने आये 4 बच्चों समेत 8 को बंधक बना कर काम कराया जाता रहा। जब पैसा माँगा जाए तो धमकी दी जाती रही। वहीं महिलाओं के साथ छेड़खानी भी की जाती रही। आजिज आ कर आज जब पीड़ित मजदूर भागने के लिए रोडवेज़ बस पर जिला मुख्यालय आने लगे तो बस को जबरन रोकने का प्रयास किया गया। हालांकि बस चालक ने दिलेरी दिखा कर रोडवेज तक पहुँचाया। जहाँ पीड़ित मजदूरों को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया। मौके पर पहुंचे श्रम अधिकारी ने कहा कि जो भी बकाया है उसे दिलाया जाएगा और ईंट भट्ठों की जांच की जायेगी। आजमगढ़ में ईंट भट्ठों पर श्रम विभाग निगरानी का दावा तो करता है लेकिन इसके बाद भी जमीनी हकीकत की कलई आज खुल गयी। देउरपुर में दबंग ईंट भट्ठा मालिकों ने पहले ठेकेदार के जरिये काम व उचित दाम का प्रलोभन देकर छत्तीसगढ़ से मजदूरों को अपने यहाँ रख लिया। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ईंट बनवाई जाती थीं लेकिन मेहनताना के नाम पर मात्र कुछ रुपये देकर चुप करा दिया जाता। यहाँ तक कि पीड़ित मजदूर व उनके परिवार खाने को भी मोहताज़ हो गए। दो महीने बाद आज मौक़ा पा कर भाग निकले तो पूरा मामला सामने आया। पीड़ित मजदूरों ने अपना दुःख दर्द बयां किया। बहरहाल अब श्रम विभाग के अधिकारी कार्रवाई का दावा कर रहे हैं।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़