आजमगढ़ – एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से नगर की सड़कों पर हुनर रंग महोत्सव में आये विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों ने अपने अपने प्रदेश की पारंपारिक वेश भूषा में रंगयात्रा निकली। ये रंगयात्रा अग्रवाल धर्मशाला पुरानी कोतवाली से शुरु होकर तकिया, कोट, दलालघाट, कालिनगंज, चौक, मातबरगंज से होते वापस धर्मशाला पर समाप्त हुई। विंभिन्न प्रदेशो के कलाकारो का उत्साह जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी को अपने बीच पाकर और बढ़ गया। दलालघाट तिराहे पे उन्होंने रंगयात्रा में शामिल हो कलाकारो का हौसला बढ़ाया। इस अवसर पे उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि समूचा भारत आज़मगढ़ की सड़को पर उतर आया है। राष्ट्रीय एकता अखण्डता का यह सांस्कृतिक महाकुम्भ जनपदवासियों के लिए ये हुनर का उपहार है। आज अनेकता में एकता हिन्द की विशेषता पूरी तरह से इस हुनर रंग महोत्सव के रग रग में समाई हुई है। यही तो हमारा भारत है । रंगयात्रा को हरी झंडी दिखकर डॉ पीयूष सिंह यादव, अभिषेक जयसवाल दीनू ने रवाना किया। कोई पागल था ,तो कोई कॄष्ण, तो कोई काली का रूप धरे हुए था। जुलूस में नर्तन कल्चरल रेपेटेरी नलबाड़ी, मा दुर्गा एजुकेशनल सोसाइटी गंजम ओडिशा , सास्वत संगीत कला अकेडमी जाजपुर ओडिशा, उत्कल संगीत समाज कटक, शिवम कला केंद्र असम, मुद्गलपुरी नाट्य कला मंच मुंगेर बिहार, धनलक्ष्मी शिवसागर , रॉक स्टार डांस अकादमी मिर्जापुर, नाद ब्रहम नागपुर महाराष्ट्र,, अकतराम कोलकाता, बी.आइ.. टी.जी. दिल्ली, आंदोलन खोरदा, नर्तन कला क्रिष्टि असम,यंग नाट्य संस्था सूरी वीरभूमि, भट्ठ मठ संकीर्तन मंडल कटक, पॉयनियर एक्टिंग इंस्टिट्यूट गुजरात, हेपाह असम सहित सभी टीमें अपने अपने पारंपरिक ड्रेशो में निकले। वेश्ली इंटर कॉलेज में 26 से 30 दिसम्बर तक हुनर संस्थान द्वारा आयोजित महोत्सव के चौथे दिन रंगयात्रा के बाद शाम को रिकॉर्ड 5 नाटकों का मंचन हुआ। रामेश्वर प्रसाद अग्रवाल व सुधीर कुमार अग्रवाल मुन्ना बाबू को समर्पित कार्यक्रम का उद्घाटन पुलिस अधीक्षक आज़मगढ़ रवि शंकर छवि , पूर्व पालिकाध्यक्ष इन्दिरा देवी , पीयूष सिंह यादव ने दीप जलाकर किया और माँ सरस्वती के चित्र पे पुष्प अर्पित कर किया । सुरुवात बहुत ही शानदार समूहनृत्यो से हुआ। तत्पश्चात सदौसम नाट्य सम्मिलन असम द्वारा नाटक अनिकेत क मंचन हुआ । ताल जमशेदपुर द्वारा विजय कुमार शर्मा के निर्देशन में नाटक कलंकी का भावपूर्ण प्रस्तुति रही। बी. आइ. टी. जी. दिल्ली द्वारा सुरेंद्र सागर के निर्देशन नाटक पतझड़ के बाद का मंचन मुद्गलपुरी नाट्य केंद्र मुंगेर बिहार द्वारा कादर खान लिखित नाटक अगर यही रफ्तार रही तो का मो जिलानी के निर्देशन में मंचन हुआ। आमंत्रित अथितियों का स्वागत जायसवाल दीनू , आशिष अग्रवाल बॉबी ने किया । इस अवसर पर अजेंद्र राय, नीरज अग्रवाल ,रत्नाकर गुप्ता, संस्थान अध्यक्ष मनोज यादव, हेमंत श्रीवास्तव उपस्थित थे।समारोह को सफल बनाने में विवेक गुप्ता, , गौरव मौर्य, शशि सोनकर, काजल सिंह, जानवी श्रीवास्तव, कशिश गुप्ता, नेहा वर्मा, अनु वर्मा, करिश्मा सिंह, प्रियंका प्रजापति, कमलेश सोनकर,अमरजीत विश्वकर्मा, आकाश गोंड़, राकेश कुमार, रवि चौरसिया,करन सोनकर प्रियांशू सोनकर, इंद्रजीत निषाद, सावन प्रजापति, जावेद सहित संस्थान के सहयोगी लगे हुए।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़