आजमगढ- श्रीकृष्ण गौशाला समिति के शताब्दी वर्ष पर नारायण सेवा संस्थान के सहायतार्थ आयोजित श्रीमद् भागवत कथा तीसरे दिन गुरूवार को भी जारी रही । कथा व्यास राधा किशोरी ने भागवत कथा में भक्त प्रह्लाद के जन्म व भक्ति, शिव-पार्वती के विवाह का वर्णन किया। मंच पर शिव-पार्वती की आकर्षक झांकी निकालकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा व्यास राधा किशोरी जी ने बताया कि जो अमृत कथा शुकदेव ने भोले बाबा से सुनी वही कथा श्रीमद्भागवत पुराण है, जिसे शुकदेव ने समय आने पर लोगों को सुनाई। ईश्वर की सर्वोत्तम कृति मानव जीवन है, प्रत्येक मनुष्य के हृदय में ईश्वर का वास होता है, व्यक्ति को अपने जीवन में मन, वाणी, कर्म से किसी को भी कष्ट नहीं देना चाहिए। कथा व्यास ने शुक्रदेव मुनि के जन्म, राजा परीक्षित के जन्म उनको ऋषि श्राप की कथा के बारे में बताया।
वहीं प्रह्लाद कथा का प्रसंग बताते हुए राधा किशोरी जी ने कहाकि एक बार हिरण्यकशिपु विजय प्राप्ति के लिए तपस्या में लीन था। मौका देखकर देवताओं ने उसके राज्य पर कब्जा कर लिया। उसकी गर्भवती पत्नी को ब्रह्मर्षि नारद अपने आश्रम में ले गये। उसे प्रतिदिन धर्म और विष्णु महिमा के बारे में बताया गया। ज्ञान गर्भ में पल रहे पुत्र प्रहलाद ने भी प्राप्त किया। बाद में असुरराज ने बह्मा के वरदान से तीनों लोकों पर विजय प्राप्त कर ली तो रानी उसके पास आ गई, जहां प्रहलाद का जन्म हुआ। बाल्यावस्था में पहुंचकर प्रहलाद ने विष्णु-भक्ति शुरू कर दी। इससे क्रोधित होकर हिरण्यकशिपु ने अपने गुरु को बुलाकर कहा कि ऐसा कुछ करो कि यह विष्णु का नाम रटना बंद कर दे लेकिन सभी असफल रहे। अंत में शिव-पार्वती की आकर्षक झांकी निकालकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया गया सभी भाव विभोर हो गये। सर्वप्रथम तीसरे दिन अभिषेक जायसवाल दीनू, मनोज खेतान, विरेन्द्र बरनवाल ने कथा व्यास राधाकिशोरी जी की आरती उतारते हुए भागवत को प्रणाम किया। आरती और प्रसाद वितरण के साथ कथा को विश्राम दिया गया। कथा में अशोक रूंगटा, अजय अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, बाबी अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, चन्दन अग्रवाल, सुबाष सोनकर, जयप्रकाश यादव, परमजीत सिंह, श्रीराम सोनकर, श्यामसुन्दर डालमिया आदि सहित भारी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़