चीनी मिल के रवैये से किसान हुए परेशान: भुगतान एवं पर्ची वितरण में भी मनमानी से आहत हैं किसान

*उत्तम प्रभेद के नाम पर अभी तक नहीं मिल रही है जनरल वैरायटी की पर्ची

*उग्र आंदोलन करने की तैयारी में जुटे किसान ।

बिहार/मझौलिया।मझौलिया चीनी मिल पोषक क्षेत्र के काश्तकारो के प्रीमियम प्रभेद का गन्ना भी गले का हड्डी साबित हो रहा है.किसान बताते हैं कि पोषक क्षेत्र से बाहर के किसानों का गन्ना धड़ल्ले से लिया जा रहा है वहीं रिजर्व क्षेत्र के काश्तकारों के साथ भेदभाव मिल प्रबंधन के द्वारा बरता जा रहा है ।जिनकी पहुंच अधिकारियों तक है उनकी बल्ले बल्ले है और जिनकी पहुंच अधिकारियों तक नहीं है उनको चालान नहीं दिया जा रहा है.किसानों की मानें तो अधिकारियों से मिलने पर उन्हें कैलेंडर का हवाला देकर उन्हें टाल दिया जाता है वहीं पहुंच पैरवी वाले के लिए कैलेंडर का कोई महत्व नहीं है । किसानों की मानें तो गन्ना आपूर्ति एवं पर्ची वितरण के अलावा सबसे बड़ी समस्या भुगतान है । पेराई सत्र चालू करने से पहले शुगर फैक्ट्री के द्वारा किसानों की मीटिंग कर उनसे वादा किया गया था कि सत्र के चालू होने से पहले ही पिछले वर्ष का बकाया भुगतान कर दिया जाएगा और इस वर्ष की आपूर्ति होने वाले गन्ने का भुगतान 15 दिनों के अंदर किसानों को मिलता रहेगा । यह दोनों आश्वासन 100 फ़ीसदी गलत साबित हो रहे हैं । अभी तक पिछले वर्ष का बकाया मिल प्रबंधन के द्वारा भुगतान नहीं किया गया है और इस वर्ष के गन्ना का भुगतान एक भी किसान को प्राप्त नहीं हुआ है । अगर यही रवैया रहा तो किसान गोलबंद होकर मिल के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे और इसका खामियाजा मील को भुगतना पड़ेगा इन समस्याओं के मद्देनजर केन यूनियन मझौलिया परिसर में किसानों की एक बैठक की गई जिसकी अध्यक्षता केन यूनियन के सचिव सह जोनल डेवलपमेंट काउंसिल के सदस्य सह केंद्रीय सहकारी बैंक बेतिया के डायरेक्टर अनिल कुमार पांडे ने की. बैठक में रिजर्व क्षेत्र के किसान प्रदीप कुमार सिंह, शमीम तबरेज , प्रभात प्रसून राय , जय नारायण प्रसाद, पाहवारी साह, विजय प्रसाद, राम इकबाल प्रसाद, अजय प्रसाद कुशवाहा , प्रमोद नारायण सिंह, मोहन तिवारी, सैयद महताब आलम, कृष्णकांत तिवारी मोहम्मद यूनुस शाह आदि दर्जनों की संख्या में किसानों ने मौजूद होकर मिल के खिलाफ विशाल प्रदर्शन करने का आह्वान किया अगर 5 दिनों के अंदर इन समस्याओं का समाधान मिल प्रबंधन के द्वारा नहीं किया जाता है तो पुनः एक बैठक आयोजित कर तिथि निर्धारित कर मिल प्रबंधन के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा ।

– राजू शर्मा की रिपोर्ट

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