पेपर मिल के पट्टे में आने से श्रमिक के हुए टुकड़े टुकड़े

मुज़फ्फरनगर/ मंसूरपुर – बिना नाम बोर्ड के चल रही पेपर मिल के पट्टे की चपेट में आने से श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गयी जबकि मौके पर मिल मालिक नहीं पहुंचे ।केवल दो प्रधानो ने ही फैसला करा दिया । तो वहीं पुलिस अधिकारियों ने भी मौके पर जाना उचित नही समझा। सिर्फ एक चौकी इंचार्ज के बूते ही हो गया सब कार्य । पीड़ित पेपर मिल में मौजूद। खबर लिखे जाने तक चल रही थी फैसले की बात।
हाईवे 58 के थाना मंसूरपुर क्षेत्र के नरा गांव के पास की घटना ।

जानकारी के अनुसार मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव नरा के पास बीती देर रात एक लोम हर्षक घटना गठित हो गई जिसमे एक बिना नाम लिखी पेपर मिल में एक श्रमिक के पट्टे में आने से टुकड़े टुकड़े हो गए ।काफी देर बाद जब अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचा और देखा की मृतक वाहन मौजूद नही है तो फैक्ट्री में तलाश शुरू की गई ।जब बॉयलर के नीचे जाकर देखा गया तो श्रमिक के जूते और उसके शरीर की खाल से उसकी पहचान हुई। मृतक की पहचान क्षेत्र के गांव नरा निवासी विकास सैनी पुत्र सतवीर सैनी के रूप में हुई । जिसपर फैक्ट्री में हड़कंप मच गया और सुबह होने पर मृतक के परिजनों को इस घटना की जानकारी दी गई।

जानकारी मिलते ही मृतक के घर कोहराम मच गया और परिजनों सहित ग्रामीण उक्त फैक्ट्री पर जा पहुंचे जहां फैक्ट्री मालिक फैक्ट्री में नही पहुंचा और दो ग्रामों के ग्राम प्रधानो की मधस्था के चलते मृतक के परिजनों पर फैसले का दबाव बनाने लगे । इस घटना की सूचना तत्काल पुलिस को भी दी गई लेकिन पुलिस के आलाधिकारियों ने मौके पर जाना भी उचित नही समझा और सिर्फ हल्का इंचार्ज को ही फैसले के लिए मौके पर भेज दिया । ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि जब तक मृतक के परिजनों को मुआवजा नही मिलता और एक परिजन को नौकरी नही मिलती वे शव को नही लेकर जायेंगे ।उधर मृतक के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था वहीं मृतक के परिजनों ने बताया की इस फैक्ट्री पर कोई नाम भी नही लिखा था और हमारे भाई की मौत रात में ही हो गई थी लेकिन हमे सुबह जाकर सूचना दी गई है । खबर लिखे जाने तक फैसले की बात चल रही थी ।

मुजफ्फरनगर से भगत सिंह

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