आज़मगढ़ – 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस मामले को लेकर पूरे दिन जनपद भर में प्रशासन व पुलिस एलर्ट रही। वहीं उलेमा कौंसिल ने काला दिवस मनाया तो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने भी काली पट्टी बांह पर बाँध कर काला दिन कह विरोध जताया। जबकि हिन्दू संगठनों ने भी जुलूस निकाल कर शौर्य दिवस मनाया। शहर के कई हिस्से जहां भगवा पताका से भरे थे तो कई इलाकों में काले झण्डे बहुतायत में लगे रहे। उलेमा कौंसिल ने काला दिवस मनाते हुए काली पट्टी मुंह में सिर में बाँध कर और गले में लटका कर विरोध जताया। वहीं कलेक्ट्रेट पहुँच कर एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह व एसडीएम सदर अरुण कुमार सिंह को ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान कौंसिल के नेताओं ने शिब्ली नॅशनल कॉलेज के पास छात्रों को संबोधित भी किया। घटनाक्रम के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। वहीं अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में घरों व मस्जिदों परकाला झंडा लटका कर विरोध किया गया। यहाँ दुकानें भी बंद रहीं। उलेमा कौंसिल के युवा प्रदेश अध्यक्ष ने इसे काला दिवस बताते हुए बाबरी मस्जिद पुनर्निर्माण की मांग की और हिन्दू संगठनों को आतंकवादी संगठन बताते हुए बैन करने की बात कही।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़