शामली पुलिस ने पेश की इंसानियत की मिसाल; जनता ने की भूरि-भूरि प्रशंसा

शामली- जहाँ एक तरफ़ एक मॉं ने जन्म देकर नवजात बच्ची को घास के ढेर मे मरने के लिए छोड़ा तो शामली पुलिस ने देवदूत की तरह नवजात बच्ची को बचाने के लिये जी जान लगा दी।

कहते हैं माँ का हृदय बड़ा विशाल होता है, और हो भी क्यों न, वह अपने ज़िगर के टुकड़ों को अपनी जान से ज्यादा प्यार जो करती है।परन्तु, यहाँ परस्थितियाँ बिल्कुल विपरीत मिलीं। नवंबर 25, 2018 को एक नवजात बच्ची के घास के ढेर मे पडे़ होने की सूचना प्राप्त हुई थी।

पुलिस अधीक्षक शामली अजय कुमार ने इस सूचना को बेहद गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ लेते हुए तत्काल पुलिस बल को मौके पर भेज कर बच्ची को संरक्षण में लेकर सुरक्षित करने और सर्वोत्तम चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने के आदेश दिये।
पीआरवी 3031 पर नियुक्त पुलिस कर्मियों के द्वारा नवजात बच्ची को ममतामयी छाँव देकर तत्काल प्राथमिक उपचार दिलाकर जीवनदायिनी भूमिका का निर्वहन किया गया। और फिर ‘चाइल्ड हेल्पलाइन’ यानि 1098 पर कॉल करके सूचना भी दी गई। इस प्रकार बच्ची की जीवन-रक्षा का दायित्व पुलिस की तत्परता और मानवीय संवेदना के चलते पूरा हो सका।
शामली पुलिस की तत्परता, सक्रियता और मानवता से ओतप्रोत इस कार्य के लिये हर-वर्ग ने चहुँ ओर भूरि-भूरि प्रशंसा की है।पुलिस द्वारा आमजनमानस और हर ज़रूरतमंद की सेवा, सहायता और सुरक्षा का मानवीय कार्य सतत् जारी रहेगा।
– सौरभ पाठक

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