आज़मगढ़ : कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दीपावली। जब धरती पर ही नहीं आकाश लोक में भी प्रकाशोत्सव की खुशियाँ छा जाती हैं। भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से जुड़ा यह अनूठा महापर्व शुक्रवार को मनाया गया। घरों के अलावा नदी घाटों पर दीप जलाये गए। शहर के गौरीशंकर घाट पर एक साथ हज़ारों दीप रोशन हुए तो ऐसा लगा मानो नदी घाट रोशनी से नहा उठे। वहीं कदम घाट, सिधारी घाट पर आयोजन हुआ वहीं दुर्वासा धाम पर तमसा मंजूषा के संगम पर भी दीपक जला कर देव दीपावली की छटा बिखेरी गयी। ग्रामीण अंचलों पर तालाबों, कुओं के साथ नदी घाटों के किनारे दीपक जलाये गए। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आजमगढ़ के फूलपुर क्षेत्र के दुर्वासा धाम, रानी की सराय क्षेत्र के अवंतिका पूरी, देवारा के नैनीजोर, महाराजगंज के भैरो बाबा, दत्तात्रेय धामए चन्द्रमा ऋषि के स्थान पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। सुबह तड़के से ही क्या महिला क्या पुरुष सभी के पाँव पवित्र स्थानों पर स्नान को चल दिए थे। भोर से शुरू हुआ भक्तों का रेला देर शाम तक जारी रहा। स्नान के बाद लोगों ने देवस्थाओं पर पूजन अर्चन कर मन्नत माँगी वहीं मन्नत पूरी होने पर चढ़ावा चढ़ाया। हज़ारों की भीड़ को संभालने को पुलिस और पीएसी की भारी सुरक्षा व्यवस्था थी। दुर्वासा में तमसा व मंजूषा नदी के संगम पर तिल रखने को जगह नहीं थी। हज़ारों लोगों के एक साथ स्नान से दृश्य काफी मनोरम था। बाहर काफी बड़े क्षेत्रफल में मेले का भी आयोजन किया गया था। बच्चों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र झूले थे तो तरह तरह की दुकानों पर खूब सामान सजे थे। खान पान की दुकानों पर भी भीड़ रही। पूजन अर्चन के बाद जगह जगह कथा का भी आयोजन किया गया था।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़