*हरिद्वार नगर निगम मेयर पद पर भाजपा प्रत्याशी अनु कक्कड़ और कांग्रेस प्रत्याशी अनीता शर्मा के बीच सीधा मुकाबला
*दोनों के बीच ही तय होना है हार जीत का फैसला, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सांसद डॉ निशंक और कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक अमरीश कुमार, सतपाल ब्रह्मचारी और डॉक्टर संजय पालीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर
हरिद्वार – हरिद्वार नगर निगम मेयर पद पर भाजपा प्रत्याशी अनु कक्कड़ और कांग्रेस प्रत्याशी अनीता शर्मा के बीच सीधा मुकाबला है। दोनों के बीच ही हार जीत का फैसला होना है लिहाजा इस चुनाव में दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। भाजपा की ओर से चुनाव में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक व कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक अमरीश कुमार पूर्व चेयरमैन सतपाल ब्रह्मचारी व डॉक्टर संजय पालीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर है। यह दिग्गज नेता अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों की जीत के लिए जोर भी लगा रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी अनु कक्कड़ के चुनाव प्रचार अभियान की कमान खुद कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के भाई मुकेश कौशिक और पूर्व मेयर मनोज गर्ग संभाले हुए हैं। जबकि चुनाव की रणनीति खुद कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के द्वारा बनाई गई है। चुनाव में एकजुटता बनाए रखने का काम सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस में पूर्व विधायक अमरीश कुमार पूर्व चेयरमैन सतपाल ब्रह्मचारी पूर्व जिला अध्यक्ष डॉक्टर संजय पालीवाल पूरी ताकत के साथ मैदान में है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की कोशिश हरिद्वार नगर निगम मेयर के चुनाव में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और सांसद डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक को पटकनी देने की है। वहीं धर्म नगरी का मतदाता चुनाव को लेकर अभी पूरी तरह खामोश है मात्र कार्यकर्ता ही चुनाव समीकरण पर अपनी राय दे रहे हैं आम मतदाता किसी भी प्रत्याशी के बारे में कोई खास चर्चा नहीं कर रहा है। मतदाताओं की ओर से इतना जरूर कहा जा रहा है कि दोनों राजनीतिक दलों की निगाह आने वाले महाकुंभ पर है। वर्ष 2021 के नवंबर में महाकुंभ शुरू हो जाएगा। जिस के कार्य अगले वर्ष यानी 2019 से शुरू हो जाएंगे। इसीलिए कांग्रेस और भाजपा के नेताओं की कोशिश अपनी-अपनी पार्टी का मेयर बनवाने की है ।ताकि महाकुंभ का बजट उनके हिसाब से उपयोग में लाया जा सके। साथ ही महाकुंभ संपन्न कराने का श्रेय उनकी पार्टी के मेयर को मिल सके। इस लिहाज से संत समाज का चुनावी रूख काफी महत्वपूर्ण रहेगा। संत समाज नगर निगम के चुनाव में जिस और भी अधिक मतदान करेगा तो निश्चित रूप से जीत भी हासिल उसी पार्टी के प्रत्याशी की होगी। इसीलिए कांग्रेस की ओर से पूर्व चेयरमैन सतपाल ब्रह्मचारी और परम स्वरूप ब्रह्मचारी को सक्रिय रखा गया है। जबकि भाजपा की ओर से हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद को चुनाव में सक्रिय किया गया है। ताकि संत समाज का अधिक से अधिक समर्थन भाजपा प्रत्याशी अनु कक्कड़ को ही मिल सके। इसके अलावा दोनों पार्टी के नेताओं की कोशिश नगर निगम क्षेत्र में शामिल हुए नए क्षेत्र के मतदाताओं का अधिक से अधिक समर्थन प्राप्त करने की है। इसमें रानीपुर विधायक आदेश चौहान का सहयोग लिया जा रहा है साथ ही कांग्रेस भी अपने पुराने नेताओं के सहयोग से नए क्षेत्र का वोट प्राप्त करने की कोशिश में है। बहरहाल हरिद्वार मेयर पद किस पार्टी के खाते में जाएगा। इसको लेकर कयास बाजी जारी है। यहां के चुनाव की हार जीत सीधे तौर पर हरिद्वार लोकसभा चुनाव के पर भी असर डालेगी। इसीलिए कांग्रेस और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व भी हरिद्वार नगर निगम मेयर के चुनाव को गंभीरता से ले रहा है। कांग्रेस और भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेता यहां के चुनाव समीकरण पर हर दिन स्थानीय नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। वहीं इसी के बीच अन्य दलीय और निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव को दिलचस्य बनाने की कोशिश में लगे हैं उनका मानना है कि अंतिम समय में जाकर मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा।
– सुनील चौधरी सहारनपुर