दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने बोफोर्स मामले में हिन्दुजा बंधुओं को आरोप मुक्त करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी है। न्यायालय ने इसके लिए अपील दायर करने में हुई देरी पर असंतोष जताया है साथ ही इसके लिए सीबीआई द्वारा बताए कारण को भी गलत ठहराया है।
न्यायालय ने कहा कि अपील दायर करने में हुई 4,500 दिन से भी ज्यादा की देरी को माफ करने के संबंध में सीबीआई द्वारा बताए गए कारण तर्कसंगत नहीं हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बोफोर्स मामले में उच्च न्यायालय द्वारा हिन्दुजा बंधुओं को आरोप मुक्त किए जाने के खिलाफ अपील दायर करने में हुई देरी के संबंध में सीबीआई ने जो आधार बताए हैं उससे वह संतुष्ट नहीं है।
पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के इसी फैसले के खिलाफ अधिवक्ता अजय अग्रवाल की याचिका लंबित है और सीबीआई अपनी सभी दलीलें उसमें दे सकती है। भारत और बोफोर्स तोपों का निर्माण करने वाली स्वीडन की कंपनी एबी बोफोर्स के बीच 24 मार्च, 1986 को 155 एमएम के 400 हॉवित्जर तोपों की खरीद का सौदा हुआ था।