*मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सरकार पिछले 15 सालों का सुशासन गिनवाते आ रही है तो फिर यह हाल हे लोगों के
मध्यप्रदेश/ तेन्दूखेड़ा/ दमोह- जहां एक और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता को पिछले 15सालों का हिसाब बताने में लगे हुए है तो वहीं दूसरी ओर जबेरा विधानसभा क्षेत्र की जनता भाजपा सरकार को कौस रही है क्योंकि मध्यप्रदेश में सरकार द्वारा कई योजनाओं चलाई गई लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब जनता को बहुत ही कम योजनाओं का लाभ मिलता है क्योंकि हम बात कर रहे हैं तेन्दूखेड़ा जनपद पंचायतों की जहां लोगों को पानी के लिए अपनी जान खतरे में डालनी पड़ती है।तेन्दूखेड़ा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव ऐसे भी है जहां पर सबसे बड़ी समस्या पानी का संकट बना हुआ है कई ग्रामीण क्षेत्रों में हैडपंप लगे हुए हैं लेकिन उनमें से सिर्फ पानी की जगह हवा अधिक निकलती है हम बात कर रहे हैं जनपद पंचायत तेन्दूखेड़ा की ग्राम पंचायत इमलीडोल कहने को तो ग्राम पंचायत है लेकिन सुविधाएं कुछ भी नहीं ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग गांव से दो किमी दूर एक सिद्ध धाम झील है जहां से हम पाने के लिए पानी लेकर आते हैं लेकिन गर्मियों में यह झील और गांव का तालाब दोनों सूख जाते हैं जिससे हम लोगों को पानी के लिए यहां वहां भटकना पड़ता है जब हम लोगों द्वारा गांव गांव जाकर जायजा लिया तो गांव के लोगों द्वारा पता चला कि कई महिलाएं और छोटे छोटे बच्चे गांव से दो किमी दूर एक सिद्ध धाम है जहां पर झील से पानी भरते हुए नजर आए गांव के लोगों ने बताया कि हम लोगों को झील के नीचे उतरना पड़ा है उसके बाद ही हमलोगों को पानी नसीब होता है।
एक नजर ग्राम पंचायतों के विकास की शर्मसार तस्वीरों पर:-
मामला(1) मध्यप्रदेश के जबेरा विधानसभा क्षेत्र की ये तस्वीरें उस वक्त विधानसभा को शर्मसार कर रही है जब जिला प्रशासन जिले को खुले में शौच मुक्त की खुशियां मना रहा है तो दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों की महिलायें और आम आदमी खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं जिला प्रशासन एक तरफ जहाँ स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित सरकार को भी गुमराह कर रही है तो दूसरी तरफ खुले में शौच मुक्त दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा जनपद पंचायत में के अधिकारी ढिंढोरा पीट रहा है।
पंचायतों के लोगों की पीड़ा नहीं है शौचालय तो कहाँ जाये:-
जब हमने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की आप बीती भी जाननी चाही तो उनकी मजबूरियां जो थी सायद वो जिला प्रशासन एवं जनपद पंचायत के अधिकारियों को न तो दिखाई दे रहा है और न सुनाई दे रहा है जो लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं उनका साफ साफ कहना था की हमारे यहां पर शौचालय बना ही नहीं है तो बहार नहीं जाये तो कहा जाये जबकि कुछ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का कहना था की जिन शौचालयों में गड्ढे ही नहीं है उनका स्तेमाल कैसे हो तो कई जगह तो गड्ढों में ढक्कन नहीं तो कई जगह अपात्र बता कर शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है अब जब वो अपात्र थे और उनके यहाँ शौचालय नहीं है तो फिर जबेरा विधानसभा खुले में शौच मुक्त कैसे घोषित हो गया कई सवाल खड़े करता है विधानसभा चुनाव
एक नजर इधर भी आजादी से लेकर आज तक गांव में नहीं हुआ सड़क का निर्माण:-
जिले के अनेक ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर आजादी से लेकर आज तक विकास कार्य की इबारत नहीं लिखी गई है वहां के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं इसी तरह का एक गांव है नरगुवा पंचायत का खकरियाकला जहां की आबादी तीन सौ से अधिक है लेकिन ग्रामीणों को आज तक सुविधाएं कुछ भी नहीं इस गांव में सड़क का निर्माण आज तक नहीं हुआ है जबकि नगरीय क्षेत्र से यह गांव लगा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ पानी ठंड के दिनों में तो लोग कहीं से इंतजाम कर लेते हैं लेकिन गर्मी के दिनों में आधा गांव पलायन कर जाता है क्योंकि गांव में लगे सभी हैडपंप बंद पडे़ हुए हैं।
मध्यप्रदेश के दमोह की सड़कों के उडे़ परखच्चे:-
मामला (3) जहां एक और मध्यप्रदेश की सरकार मध्यप्रदेश की सड़कों को अमेरिका से भी अच्छी बता रही है तो दूसरी ओर मध्यप्रदेश के दमोह तेन्दूखेड़ा मार्ग के परखच्चे उड़ गए हैं जो लबें समय से अपने पुननिर्माण का इंतजार करते हुए अस्तित्व की लडाई लड़ रहा।
– विशाल रजक मध्यप्रदेश