बिहार:वैशाली जिले के हजीपुर निवासी रतन रंजन पर्यावरणविद के मुताबिक एक व्यक्ति पर कम-से-कम 16 पेड़ों की जरूरत है। लेकिन बीते छह वर्ष के आंकड़ों को देखें, तो पटना जिले में मात्र चार लाख पौधे लगाये गये हैं। इतना ही नहीं, फलदार और छायादार पेड़ों के लिए कम-से-कम 20 फुट की दूरी होना जरूरी है। ऐसे में यदि 20 फुट की दूरी के हिसाब से देखें, तो पटना जिले की एक प्रतिशत भूमि पर भी हरियाली नहीं है। लगाये जायेंगे तीन लाख पौधे वन विभाग गत वर्ष 2016-17 में पटना प्रमंडल में एक लाख 21 हजार 153 पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा कर चुका है। वहीं, इस वित्तीय वर्ष 2017-18 में लगभग तीन लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें कृषि वानिकी योजना के तहत दो लाख 60 हजार पौधे लगाये जाने हैं । पांच हजार पौधे ‘हर परिसर, हरा परिसर’ योजना के तहत, तो दो हजार पौधे नमामि गंगे योजना के तहत लगाये जाने हैं। योजनाअों के तहत लगाये जानेवाले पौधों की संख्या देखें, तो वन विभाग के आंकड़े और शहर की हरियाली के बीच एक बड़ा फासला दिखाई पड़ रहा है। क्याेंकि जितने लगने चाहिए उतने लग नहीं रहे हैं ,और जो लग रहे हैं, वह दिख नहीं रहे हैं। कुछ रख-रखाव के अभाव में, तो नगरीकरण के नाम पर काटे जा रहे हैं। वन पदाधिकारी की मानें, तो विभाग द्वारा तीन से पांच वर्ष तक के पौधे की ही मॉनीटरिंग का प्रावधान है। उसके बाद पौधे का विकास इतना अच्छा हो जाता है, कि उसे किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंच पाता है। जबकि शहर के आस-पास ही नजर दौड़ा दिया जाये, तो वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पौधों की संख्या कम ही दिखाई पड़ेगी। इतना ही नहीं फलदार और छायादार पेड़ों के लिए कम-से-कम 20 फुट जमीन की जरूरत पड़ती है। यानी एक पौधा 20 फुट की दूरी पर लगाया जायेगा। वहीं, शीशम व अन्य वृक्ष जिनकी टहनियां और जड़ें ज्यादा जगह नहीं घेरती हैं, उनके पौधों को वन बाइ वन मीटर की दूरी पर लगाया जाना है। लेकिन शहर में न तो इतना स्पेस है और न ही वन विभाग के पास कर्मचारी, जो जगह-जगह लगाये गये पौधों की देख-रेख कर सकें। इस वित्तीय वर्ष में विभाग की ओर से लगभग तीन लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।इसके तहत ढाई लाख से अधिक पौधे खेतों में कृषि वानिकी योजना के तहत लगाये जाने हैं। शेष लगभग 40 हजार पौधे शहरों में सड़कों के किनारे, कैंपस व गंगा किनारे लगाने है।
रिपोर्ट: नसीम रब्बानी, पटना- बिहार