गाजीपुर – विवेक सिंह शम्मी व उनकी टीम ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता कर नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल पर चार बिंदुओं पर आरोप लगाये और सभासदों को कमीशन देने का आडियो क्लीप जारी किया। आडियो क्लीप में विनोद अग्रवाल द्वारा सभासदों को दो प्रतिशत कमीशन देने की बातचीत का टेप जारी किया गया। इस टेप को जारी कर शम्मी सिंह ने इसकी प्रमाणिकता की जांच कराने का चाईलेंज देते हुए कहा कि अब राजनीति में ईमानदार बनने का ढोंग रचने वाले विनोद अग्रवाल अपने वादे के अनुसार इस्तीफा दें। पत्रकार वार्ता में सभासद सोमेश राय वार्ड नम्बर 21 ने बताया कि स्वच्छता अभियान के तहत जो डस्टबीन खरीदे गये थे उसका टेंडर नही हुआा। जबकि शासनादेश के तहत 15 हजार से उपर की खरीद के लिए टेंडर प्रकाशित कराना आवश्यक होता है। उन्होने कहा कि विनोद अग्रवाल का फोटो किस अधिकार से स्वच्छता अभियान के तहत जारी किये गये होर्डिंग, बैनर, पोस्टर व हैंड बिल में प्रकाशित हो रहा है। जबकि वह नगरपालिका के चेयरमैन नही है और एमएलसी प्रतिनिधि का फोटो सरकारी होर्डिंग, बैनर, पोस्टर व हैंड बिल में प्रकाशित होने का कोई शासनादेश नही है। विवेक सिंह शम्मी ने कहा कि शासनादेश में यह उल्लेखित है कि विधान परिषद सदस्य व राज्यसभा के सदस्य जहां के मूल निवासी हैं उसी निकाय ने सदस्य के रुप में क्या उनके प्रतिनिधि निकाय के बैठक में भाग ले सकते हैं। लेकिन विनोद अग्रवाल जो एमएलसी चंचल सिंह प्रतिनिधि के रुप में नगरपालिका के बैठक में भाग लेते हैं वह गलत है। क्योंकि एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने अपने चुनाव के नामांकन पत्र में अपना पता शिवपुर वाराणसी का दिया है। उन्होेने एमएलसी चंचल सिंह से मांग किया है कि विनोद अग्रवाल को नगरपालिका के बैठक में भाग लेने के लिए मना करें, अगर उनके पास इस संदर्भ में कोई शासनादेश हो तो सार्वजनिक करें, जिससे आम लोगों को जानकारी मिल सके। विवेक सिंह शम्मी ने कपूरपुर मिश्रबाजार के प्रकरण में शम्मीे सिंह ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि इस क्षेत्र के गाटा संख्या 151 रकबा साढ़े सात बीघा करीब जो आबादी की जमीन थी। 1950 से लेकर अबतक के कब्जेेदारों की सक्षम अधिकारी से जांच करा ले जिससे मामला एकदम साफ हो जायेगा। उन्होेने कहा कि 1959 से पहले नगरपालिका के फाइल में यह जमीन आबादी के रुप में दर्ज थी। 1959 में ठाकुर जी आ गये। इसके बाद पट्टेदार व कब्जेदार आ गये। उन्होने कहा कि तेज बहादुर सिंह पुत्र विश्वनाथ सिंह जो 2001 से 2018 तक कब्जेदार के रुप में नगरपालिका को टैक्स 337 रुपया दिये। उन्हे बिना नोटिस दिये नगरपालिका ने अपने असिस्मेंट रजिस्टर में 14 अप्रैल 2018 को अवैध घोषित कर दिया। जबकि यह कार्य संविधान के विरुद्ध है। इस अवसर पर सभासद शौकत अली ने कहा कि चुनाव में विनोद अग्रवाल ने यह वादा किया था कि हाउस टैक्स कम हो जायेगा लेकिन अभी तक कम नही हुआ। पत्रकार वार्ता के अंत में सभासद सोमेश राय ने अपने मोबाइल से विनोद अग्रवाल का आडियो टेप पत्रकारों को सुनाया जिसमे विनोद अग्रवाल दो प्रतिशत कमीशन सभासदों को देने के लिए जेई को निर्देश दे रहे थे और पांच-पांच हजार लिफाफा सभासदों को तुरंत देने को कह रहे थे।
-गाजीपुर से प्रदीप दुबे की रिपोर्ट