पौड़ी गढ़वाल- उत्तराखंड विगत कुछ वर्ष पहले साेशल मीडिया के माध्यम से अपने राजपूत समाज काे सशक्त हाेता न देख अपने समाज काे पिछड़ता देख अपने समाज काे एकजुट करने व उन्हे सशक्त बनाने के लिए एक नई साेच के साथ ठाकुर सुभाष नेगी ने देवभूमि क्षत्रिय राजपूत सेना के नाम से फेसबुक व अन्य माध्यम से अपने लाेगाें तक अपनी बात पहुँचाई कई नुक्कड़ बैठकें की कई अपने समाज के युवाओं के हित में कार्य करने जा रही है ।
देवभूमि क्षत्रिय राजपूत सेना का धरातल स्तर पर बढते ग्राफ को देखकर कांग्रेस भाजपा के लिए अच्छे संकेत नही है क्याेंकि आज भी राजपूत समाज के लाेग इन बडी पार्टियों में है जाे देवभूमि क्षत्रिय राजपूत सेना से अपने संपर्क भी अच्छे रखे हुए हैं जिससे कुछ भी हाे सकता है। राजपूत समाज के युवाओं द्वारा महा सम्मेलन किया गया। रावत फार्म, बद्रीपुर, जोगीवाला, देहरादून में क्षत्रिय समाज की एकजुटता और शशक्तीकरण के लिए देवभूमि क्षत्रिय राजपूत सेना के बैनर तले एक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के प्रतिष्ठत लोगों देवभूमि क्षत्रिय राजपूत सेना के संस्थापक ठाकुर सुभाष सिंह नेगी
टिहरी रियासत युवराज राजवंशज ठा. भवानी प्रताप सिंह, व्यापारी समाजसेवी रतन सिंह गुंसोला, व्यापरी समाजसेवी सुन्दर सिंह चौहान, व्यापारी समाजसेवी महेन्द्रप्रताप सिंह नेगी, व्यापारी समाजसेवी तेजेन्द्र सिंह रावत, विजय लक्षमी गुसाईं, देवेंद्र सिंह पँवार स्वामी दर्शन भारती और सैकड़ों की संख्या में युवा मौजूद रहे ।सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि समाज के गरीब परिवारों के लिए कन्याओं के लिए कन्याधन कोष, शैक्षिक आयोग इत्यादि बनाये गये और सभी ने यह भी निर्णय लिया क़ि दशहरे के समय शस्त्र पूजन किया जायेगा और विशाल रैली निकली जायेगी ।
सम्मेलन में हमारे राजपूत वँश के वँशजों की 1802 तलवारें, कवच, 1839 की उत्तराखण्ड की मूल जाति वंशावली की किताब रखी गई ।।टिहरी के युवराज जैसे युवा का संगठन से मिलना कुछ ताे हलचल मचा सकता है। ताे क्या पलट देंगें राजपूत उत्तराखंड की राजनीति काे तीस सितम्बर को सम्मेलन में देखकर लगा कि कुछ नया हाे सकता है। विचार सभी के राजपूत एकता व राजपूत के हक की थी अलग अलग लाेगाें द्वारा अपने विचाराें काे रखा गया।
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल