आईआईटी रुड़की के निदेशक व डीन की पत्रकार वार्ता का मीडिया ने किया बहिष्कार

हरिद्वार/रुड़की- स्थानीय मीड़िया का विभिन्न अवसरों पर संस्थान में प्रवेश प्रतिबन्धित किये जाने एवं यदाकदा सुरक्षा कर्मियों द्वारा पत्रकारों को अपमानित किये जाने से नाराज रुड़की के प्रिन्ट व इलेक्ट्रॉनिक्स मीड़िया से जुडे तमाम पत्रकारों ने आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) रुड़की के दो दिवसीय दीक्षान्त समारोह के विषय पर आयोजित की गई संस्थान के निदेशक एवं डीन की पत्रकार वार्ता के कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। संस्थान का मीड़िया प्रबन्धन देखने वाली एजेन्सी से जुड़े लोगों द्वारा पत्रकारों को मनाने के तमाम प्रयास विफल रहे। यहां तक कि संस्थान के मीड़िया प्रबन्धन के जिम्मेदार प्रोफेसर डा.परविन्द्र कुमार द्वारा भी आईआईटी से बाहर आकर पत्रकारों से वार्ता की गई लेकिन उनके द्वारा खबर प्रकाशन को लेकर की गई गलत टिप्पणी से पत्रकार और भड़क गये तथा कार्यक्रम बहिष्कार के निर्णय पर अन्तिम मोहर लगा दी। पहले रुड़की विश्व विद्यालय व उसके बाद से अब तक आईआईटी के इतिहास में इस प्रकार निदेशक की प्रेसवार्ता के पूर्ण बहिष्कार का निर्णय पहली बार हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले लगभग एक वर्ष से आईआईटी रुड़की के प्रबन्धन व सुरक्षा विभाग के व्यवहार में मीड़िया को लेकर काफी परिवर्तन आया है। यह परिवर्तन सिर्फ पत्रकारों की संस्थान में आमद के दौरान सुरक्षा जांच या एन्ट्री आदि तक सीमित रहता तो भी ठीक था लेकिन संस्थान करने यह लगा है कि आईआईटी का कोई भीतरी मसला, जैसे कोई आपराधिक वारदात, छात्र या कर्मचारी कोई हड़ताल आदि कर दे तो मीड़िया का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबन्धित कर दिया जाता है। जबकि संस्थान को अपने वार्षिक कार्यक्रमों में जब बढिया कवरेज की जरुरत होती है तो मीड़िया को बुला लिया जाता है। लेकिन इसमें भी पत्रकारों के साथ कई बार अभद्र व्यवहार की घटनाएं हो चुकी है। ध्यान रहे कि पिछले दिनों जब आईआईटी के मृतक अश्रित कर्मचारियों के परिजन धरनें पर बैठे थे तो भी मीड़िया का प्रवेश न सिर्फ प्रतिबन्धित कर दिया गया था बल्कि इसे लेकर वरिश्ठ पत्रकार डा. योगेन्द्र नाथ शर्मा अरुण व कुछ अन्य ने आईआईटी गेट पर सीधा विरोध प्रदर्षन किया था। खैर शनिवार से आईआईटी का दो दिवसीय वार्षिक दीक्षान्त समारोह शुरु होना है। इसके लिए आज संस्थान के निदेशक प्रो. अजीत चतुर्वेदी व डीन प्रो. एनपी पाधे की पत्रकार वार्ता का आयोजन सीनेट हॉल में किया गया था। पत्रकार पिछली बाते भुलाकर इसमें भाग लेने जा भी रहे थे लेकिन दिक्कत तब हुई जब मुख्य गेट पर आज फिर सुरक्षा कर्मियों ने एक पत्रकार को संस्थान में जाने से न सिर्फ रोक दिया बल्कि उसके साथ अभद्र व्यवहार भी किया। इसकी सूचना मिलते ही प्रिन्ट व इलैक्ट्रिॉनिक्स मीड़िया से जुड़े तमाम पत्रकार होटल पोलारिस के निकट आईआईटी मुख्य गेट के बाहर एकत्रित हो गये तथा आपसी सलाह कर प्रबन्घन व सुरक्षाकर्मियों के व्यवहार पर आक्रोश जताते हुए उक्त पत्रकार वार्ता के बहिष्कार का निर्णय लिया। दोपहर लगभग एक बजे लिये गये इस निर्णय की सूचना से आईआईटी का मीड़िया प्रबन्धन देखने वाली एजेन्सी के पदाधिकारियों के चेहरों की हवाईयां उड़ गई। उन्होंने फोन कर पत्रकारों को मनाने के लाख प्रयास किये लेकिन पत्रकार नही माने। यहां तक की इस एजेन्सी के एक पदाधिकारी वीवी सुन्दर ने बाहर आकर भी काफी प्रयास किये लेकिन उन्हें सफलता नही मिली। बाद में संस्थान की ओर से मीड़िया को देखने वाले प्रोफेसर परविन्द्र कुमार ने बाहर आकर पत्रकारों से बातचीत की। तमाम शिकवे शिकायतों के बीच यह बातचीत सकारात्मक रुख अपनाती लेकिन तभी प्रो. परविन्द्र कुमार ने टिप्पणी कर दी कि वह न्यूज पेपरों में खबर खुद छपवा लेंगे, इससे पत्रकार और भड़क गये जिस पर बहिष्कार के निर्णय पर अन्तिम मोहर लगा दी। आईआईटी निदेशक व डीन पत्रकारों की इन्तजार देखते रह गये। इस दौरान संदीप तोमर, श्रीगोपाल नारसन, अंकित गर्ग, देवेन्द्र वर्मा, सुनील मस्ताना, जगदीष देशप्रेमी, मनोज अग्रवाल, हरिओम गिरी, सचिन गोस्वामी, अख्तर मलिक, जुबेर काजमी, शादाब अली, मनोज जुयाल, रीना डंडरियाल, अरशद हुसैन, सुभाष सक्सेना, योगराज पाल, मुकेश रावत, मुकेश कुमार, प्रिंस शर्मा, सुनील पटेल, सलमान मलिक, राव सरवर साबरी, विषाल यादव, विकास भाटिया, दीपक शर्मा, अनिल सैनी, परवेज आलम, तहसीन, प्रकाष सेमवाल, ईष्वर चंद, दिलषाद खान, आरिफ नियाजी, राज चन्द्रा, मिक्की जैदी, दीपक अरोड़ा, अमित त्यागी, रियाज कुरैषी, अनिल पुण्डीर, शषांक गोयल, राहुल सक्सेना, बिल्लु रोड़, विनित त्यागी, असलम अंसारी, सलीम साबरी, बबलू सैनी, तोशी आदि पत्रकार शामिल रहें ।

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