बरेली/फतेहगंज पश्चिमी- सीमा सुरक्षा बल से सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन /पारिवारिक पेंशन से सम्बंधित व्यक्तिगत समस्याओं के निवारण हेतु पेंशन अदालत का आयोजन किया गया जो दिन चलेगा ।दूर दराज से आने बाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से लाने और पहुंचा ने की व्यवस्था है सभी के भोजन और ठहरने की भी व्यवस्था रखी गई।
सीमा सुरक्षा बल द्वारा 17वीं पेंशन अदालत का आयोजन दिनांक 17 सितंबर से 18 सितंबर 2018 तक सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक 114 वी वाहिनी सीमा सुरक्षा बल द्वारा कैंप फतेहगंज पश्चमी बरेली उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है इस पेंशन अदालत का आयोजन उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के सीमा सुरक्षा बल के सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा फैमिली पेंशन प्राप्त करने वालों के लिए किया जा रहा है इस पेंसन अदालत में सीमा सुरक्षा बल से सेवानिवृत वे सभी आमंत्रित हैं जो पेंशनधारी हैं बी एस एफ से संबंधित किसी अन्य विभागीय समस्या को दोनों दिन सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं इन समस्याओं का समाधान करने के लिए सीमा सुरक्षा बल के कार्यालय के अफ़सर मौजूद रहेंगे ठहरने की व्यवस्था की गई है जिससे किसी पेंशनर को कोई तकलीफ ना हो साथ ही चिकित्सा अधिकारी उनके चिकित्सा संबंधी समस्या के बारे में भी बता रहे हैं तथा दवा की भी व्यवस्था की गई है।
जिला रुद्रप्रयाग से आए बलवंत सिंह नेगी ने बताया हमारा गांव इंटीरियल रियल में पड़ता है हमने 16 तारीख को अखबार में तो सभी आसपास के लोगों से संपर्क कर 11 लोगों की समस्या लेकर यहां आए हैं हमारी समस्या है कि हमने पूरी नोकरी ₹15000 पेंशन मिलती है लेकिन हमसे बाद वालों को हमसे पेंशन ज्यादा मिलती है। सातवें वेतन आयोग का भी हमें लाभ नहीं मिला वन रैंक वन पेंशन का भी लाभ नहीं मिला।
सहारनपुर से आई पूनम पत्नी शीशपाल ने बताया कि जून 2015 में उनके पति को अचानक बर्खास्त कर दिया गया उन्हें पता भी नही चला वे यहाँ भिटौरा कैंप 28 बी बटालियन में तैनात थे बटालियन यहां से बाहर चली गई और इनको बताया भी नहीं इन्हें परिवार सहित यही छोड़ कर चली गई तब से शीशपाल डिप्रेशन में है मेरा एक बच्चा है उसका भरण पोषण मै अपने मायके में रह कर रही है और पति का इलाज भी करा रही है । BSF के दिल्ली हेड क्वार्टर से लेकर भिटौरा कैंप तक अपनी न्याय की गुहार कर चुकी हूं लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला उसने पेपर में पढ़ा यहां पेंशन अदालत लगी हुई है ।तो वह पढ़कर सहारनपुर से भिटौरा पहुंची हूँ मुझे न्याय की उम्मीद है हो सकता है कि यहाँ न्याय मिल जाये मैं एक-एक पैसे को मोहताज हूँ और अपने पिता के साथ न्याय के लिए यहां आई हूँ।
– बरेली से सौरभ पाठक