पुलिस मन के भाव पढ़ने बाली डाक्टर है:डीआइजी

आजमगढ़ – फाउंडेशन की तरफ से गुरुवार को शहर के अटलस पोखरा मुहल्ले में स्थित प्रतिभा निकेतन स्कूल में आयोजित पुलिस की पाठशाला में मौजूद डीआईजी आजमगढ़ परिक्षेत्र विजय भूषण ने कहा कि पुलिस तो आपके मन का भाव पढऩे वाला डाक्टर है। यह आपसे बातचीत के दौरान ही सच और झूठ का पता लगा लेती है। कार्यक्रम में मौजूद स्कूल के छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं में तभी परिवर्तन आ सकता है। जब हम लोग बनाए गए नियम और कानून का अनुपालन करें। डीआईजी विजय भूषण ने कहा कि यह बहुत ही चिंता का विषय है कि जिन युवाओं पर हमारे देश की सरकार इतना भरोसा करती है। वही युवा वाहन चलाते समय नियमों का उल्लंघन करते हुए सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। घर से निकलते समय अपने पास वाहनों के आवश्यक कागजात नहीं रखते हैं, लाख चेतावनी के बावजूद हेलमेट, सीट बेल्ट आदि के इस्तेमाल से परहेज करते हैं। नियम विरुद्ध ऐसे लोग पकड़े जाने पर पुलिस या ट्रैफिक विभाग को बचने के लिए रिश्वत की पेशकश करते हैं। बच्चों के सवाल के जवाब में डीआईजी ने कहा कि किसी भी जेल में एसी नहीं लगी है। जेल में ए श्रेणी के बंदियों को बैरक में चौकी मिल जाती है, जबकि सामान्य श्रेणी वालों को जमीन पर सोना पड़ता है। डीआईजी ने कहा कि जब हम नियम से चलेंगे तो हमें कहीं भी किसी को भी रिश्वत देने की जरुरत नहीं है। कार्यक्रम में मौजूद एसपी रविशंकर छवि ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपराधी नहीं है। अपराध के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं। क्योंकि जहां हमारे मन में लालच उत्पन्न हुई। वहीं हम अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए गलत कदम उठाते हैं। एक बार दलदल में फंसे तो फिर फंसते ही चले जाते हैं। इसलिए सोच समझकर ही कोई काम करना चाहिए। छात्रों के सवाल का जवाब देते हुए एसपी ने कहा कि जिस व्यक्ति का जितना दंड होता है। उसी की धारा में केस दर्ज होती है और उसी के तहत अदालत सजा का निर्धारण करती है। सवालों के जवाब में एसपी ने कहा कि जब हम स्वयं यह ठान लें कि ना तो गलत करेंगे, ना करने देंगे। अपने आप बदलाव शुरू हो जाएगा। कार्यक्रम में उपस्थित एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम न कराकर उन्हें स्कूल भेजें। यदि कोई ऐसे बच्चों से काम करवाता है तो इसके लिए श्रम विभाग के दफ्तर में इसकी सूचना दें। क्योंकि यह विभाग ऐसे बच्चों की मदद के लिए ही बनाया गया है। एसपी ग्रामीण ने छात्र-छात्राओं से अपील किया कि सभी लोग ठान लें कि बगैर हेलमेट पहने माता-पिता, भाई, चाचा, चाची आदि कोई भी घर से निकलता है तो उसे जरुर टोंके। ताकि वह नियम का पालन कर अपने आप को सुरक्षित रख सके। सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से तमाम सुविधाएं और हेल्पलाइन जारी की गई है। विकट परिस्थितियों में उसका उपयोग करें। आपका नाम और पता भी गुप्त रखा जाएगा। सीओ सिटी अजय कुमार यादव ने कहा कि पुलिस आप से अलग नहीं, बल्कि आप ही लोगों के बीच की है। जो लोग आज छात्र हैं, कल वहीं लोग हम जैसे अधिकारी या सिपाही बनेंगे। नियमों का पालन कर पुलिस की मदद और भार कम करें। पुलिस पर जितना ही लोड कम होगा। पुलिस उतना ही ध्यान अपने मूल काम अपराधियों की धरपकड़ में लगाएगी। भयमुक्त समाज स्थापित करेगी। इस अवसर पर कालेज के प्रबंधक रमाकांत वर्मा, प्रधानाचार्य ध्रुव कुमार मौर्य, शहर कोतवाल योगेंद्र बहादुर सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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