समाजवादी पार्टी ने किया आंदोलन में समाजवादियों की भूमिका पर गोष्ठी का आयोजन

आजमगढ़- समाजवादी पार्टी द्वारा देश की आजादी की लड़ाई में 9 अगस्त 1942 के आन्दोलन में समाजवादियों की भूमिका विषयक संगोष्ठी का आयोजन कलेक्ट्री कचहरी स्थित नेहरू हाल में किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता डा0राजाराम सिंह व संचालन स0पा0महासचिव हरिप्रसाद दूबे ने किया।
प्रातः 10 बजे पार्टी कार्यालय से स0पा0 नेताओं व कार्यकर्ताओं ने प्रभातफेरी निकाली जो सिविल लाईन, कलेक्ट्री कचहरी होते हुए नेहरू हाल पहुॅची। प्रभात फेरी के दौरान महात्मा गॉधी-अमर रहें, डा0 लोहिया-अमर रहें, जयप्रकाश नारायण, अरूणा आसिफ अली-अमर रहें, 9 अगस्त 1942-जिन्दाबाद एवं मुलायम सिंह यादव-जिन्दाबाद, अखिलेश यादव-जिन्दाबाद के नारे लगा रहे थे। साथ ही हिन्दू-मुस्लिम एकता, लोकतंत्र-अमर रहे जैसे नारे तख्तियों पर लिखे थे।
संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डा0पंकज गौतम ने कहा कि 1942 के आन्दोलन के मुख्य सुत्रधार समाजवादी नेता अच्युत प्रवर्धन डा0राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, अरूणा आसिफ अली एवं आचार्य नरेन्द्र देव थे। जबकि महात्मा गॉधी एवं सरदार पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया था। भूमिगत समाजवादियों ने अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ ऐसा आन्दोलन चलाया कि वह जनआन्दोलन बन गया। जनता सड़कों पर उतर आयी। थानों, तहसीलों एवं रेलवे स्टेशनों पर कब्जा हो गया। जन आन्दोलन से भयभीत अंग्रेजी हुकुमत ने समझ लिया अब राज करना मुश्किल है।
कन्हैया यादव ने 9 अगस्त 1942 की क्रांति को जनक्रांति की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि यह आन्दोलन हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई एकता का बेमिशाल नमूना है जिसमें सबने बढ़-चढ़कर अंग्रेजी हुकुमत की नींव हिला डाली। अंग्रेजी हुकुमत ने हिन्दू, मुसलमानों को लड़ाने एवं आजादी की लड़ाई को कमजोर करने के लिए हिन्दू महासभा एवं मुस्लिम लीग का गठन कराया था।
अलाउद्दीन साहब ने वर्तमान स्थिति 1942 की प्रासंगिता विषय पर अपने विचार ब्यक्त करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई हिन्दू, मुसलमान मिलकर लड़े किन्तु आज कुछ देश विरोधी ताकतें देश की एकता एवं अखण्डता को कमजोर करने पर आमादा हैं जिनका मुकाबला मिलकर किया जाना चाहिए।
पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने कहा कि समाजवादी विचारधारा ही गैर बराबरी, ऊॅच-नीच, सामाजिक सद्भाव, धर्म निरपेक्षता की लड़ाई लड़ती है। 1990 में जब साम्प्रदायिक ताकतों ने देश में भय, घृणा का वातावरण उत्पन्न किया और भाजपा ने इसकी अगुवाई किया ऐसे में स0पा0संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने देश व संविधान की रक्षा की।
विधायक डा0संग्राम यादव ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में समाजवादियों की अहम भूमिका थी। और आज भी देश के धर्म निरपेक्ष स्वरूप को अक्षुण बनाये रखने में नौजवान ही सामर्थ्य रखता है।
स0पा0जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि भाजपा फासिस्ट प्रतिक्रियावादी और पूॅजीवादी पार्टी है। उसे देश की एकता, अखण्डता से कोई प्रेम नहीं है। भाजपा के नेताओं का देश की आजादी के लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा। बल्कि वह अंग्रेजों की तरफ खड़े थे और क्रांतिकारियों के खिलाफ गवाही दे रहे थे।
डा0राजाराम सिंह ने कहा कि समाजवाद ही एकमात्र रास्ता है जिसके जरिये गरीबी, बेरोजगारी, मॅहगाई, नाइंसाफी दूर की जा सकती है। समाजवादी पार्टी के आदर्श डा0राममनोहर लोहिया ने देश की अर्थनीति, विदेश नीति, नारी सम्मान, कृषि नीति जैसे विषयों पर बेबाक राय रक्खी और संसद से सड़क तक संघर्ष किया।
संगोष्ठी में मुख्य रूप से डा0आर0एन0राय, नामवर सिंह, जिला पं0सदस्य राजेश यादव, रामप्रवेश, राजाराम सोनकर, शिवसागर यादव, सुनीता सिंह, सूर्यभान, महेन्द्र, तेजबहादुर, बबीता चौहान, सना परवीन, अशोक यादव, किशुनदारी निषाद, खरपत्तू राजभर, हसंराज चौहान, उमेंश यादव, दुर्ग विजय राम, कमलेश यादव कवि आदि उपस्थित थे।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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