•बीएचयू को मिला एम्स का दर्जा
वाराणसी- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदर लाल चिकित्सालय को एम्स के दर्जा देने की मांग पिछले कई वर्षों से जारी है। इस मांग पर अमली जामा पहनाने की आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण कवायद हो चुकी है। शनिवार को केंद्रीय मंत्रियों ने बीएचयू के केएन उडुप्पा सभागार में इस ऐतिहासिक फैसले पर मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग साइन कर दिया है।
इस M0U के साइन होते ही सालों पुराना सपना भी अब पूरा होने के कगार पर पहुंच गया है। यूपी-बिहार, मध्य प्रदेश और नेपाल के तकरबीन 27 करोड़ लोगों की बीमारी में उम्मीदों का केंद्र बिंदु सर सुंदरलाल अस्पताल अब एम्स के समकक्ष दर्जा प्राप्त कर चुका है। लिहाजा यहां अब सरकार की ओर से विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। एम्स की मांग लंबे समय से चली आ रही थी।
आपको बता दें कि केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले वर्ष ही गोरखपुर में एम्स खोलने की कवायद तेज कर दी है। गोरखपुर के अलावा पूर्वांचल में दूसरा एम्स सरीखा अस्पताल यूपी-बिहार और नेपाल के गरीबों के इलाज में मील का पत्थर साबित होगा।
शनिवार शाम केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी चौबे, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, उत्तर प्रदेश के टेक्निकल और मेडिकल मंत्री आशुतोष टंडन की उपस्थिति में विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने ऐतिहासिक M0U पर साइन कर दिया है। इसी के साथ सर सुंदर लाल चिकित्सालय को एम्स बनने की कागजी औपचारिकताएं पूरी हो गयी हैं।
सर सुंदर लाल चिकित्सालय के एमएस डॉ विजयनाथ शर्मा ने बताया कि कई वर्षों से वाराणसी के लोग बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सल्य को एम्स का दर्जा देने और इसे सुविधापरक बनाने की मांग कर रहे थे। अब वो ऐतिहासिक दिन आ गया है जब यह अस्पताल एम्स बनने जा रहा है।
डॉ विजयनाथ मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने जो 27 करोड़ जनता और नेपाल की जनता को तोहफा दिया है उसके हम शुक्रगुज़ार हैं। डॉ विजयनाथ मिश्रा ने बताया कि एम्स बनाने की सारी औपचारिकताएं पूरी हो गयी हैं।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय वाराणसी