अम्बेडकरनगर,ब्यूरो – बड़ौदा उत्तर-प्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा केदार नगर के बैंक कर्मचारी मनमानी पर उतारू है।अनपढ़ गरीब मजदूरों को बैंक में लोन, लेन देन या किसी भी कार्य करने के लिये वहाँ बैठे दलालों का सहारा लेना पड़ता है। वहाँ बैठे दलालों के बगैर अनपढ़ मजदूरों का कोई भी काम संभव नही है और दलाल कार्य को कराने के बदले बिचौलिया के रूप में दलाली लेते है। पैसा न देने पर बैंक मैनेजर,कर्मचारी व अंदर बैठे हुए कथित दलाल बहाने बाजी करने लगते है।दलाल के बगैर माध्यम से लोन लेने जाने पर बैंक कर्मचारियों द्वारा व्यक्ति को अयोग्य बता कर लोन देने से बहाना किया जाता है।दिन भर मजदूरी करके पेट भरने वाले मजदूर को बैंक कर्मचारी या दलाल को घूस न देने के एवज में गरीब मजदूरों को अपने सही कार्यो के लिये बार बार बैंक का चक्कर काटना पड़ता है।
अब बात करते है यहां की लोन व्यवस्था के बारे में,लोन लेने वाले बताते है यहां बिना दलाल के लोन भी नहीं मिल सकता वह भी कथित दलाल राजेंद्र प्रसाद यादव को दलाली देने के बाद लोन की प्रक्रिया आगे बढ़ती है सूत्र बताते है कि यही कथित दलाल लोन की फाइल तैयार करता है जिसकी सरकारी फिश बता कर 300 रुपए ले लेता है। फिर यही दलाल मैनेजर के आड़ में कमिश के रूप में 10 प्रतिशत तक की कामिशन के नाम पर घुश ले लेता है। ये जानकारी कुछ पीड़ितों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया उन्होंने कहा नाम प्रकाश में आने से भविष्य में बैंकिग सुविधाओं में बैंक कर्मचारी दिक्कत उत्पन्न कर सकते है। उक्त मामले की जानकारी जब शाखा प्रबंधक से ली गई तो उन्होंने कथित दलाल को दैनिक वेतन भोगी बता दिया। साहब! बात समझ में नहीं की जब कथित दलाल दैनिक वेतन भोगी है तो आप ने क्यों नहीं स्पष्ट किया की वेतन कितना मिलता है। जब खुद कथित दलाल लोगो से यह कहता की हमको कोई भी वेतन नहीं मिलता है,फाइल से जो पैसा मिलेगा वहीं मिलता है तो इस बात पर सवालिया निशान उठना वाजिब है। खैर जो भी हो सवाल यह कि जो काम बैंक कर्मचारी का या यूं कहे कि गोपनीयता का है तो वो काम कथित दलाल से क्यों करवाया जाता है।
अखण्ड प्रताप सिंह,ब्यूरो अम्बेडकरनगर।