शाहजहांपुर- उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के सिंधौली थाना क्षेत्र में कर्ज कर्ज में डूबे कोटेदार ने फंदे से लटकर जान दे दी । मंगलवार सुबह गांव के बाहर कोटेदार का शव लटका मिलने से गांव में हड़कम्प मच गया । सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की गहनता से जाँच पड़ताल कर रही है।
जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के गांव मूर्छा निवासी व कोटेदार हरिनंदन दीक्षित (72) पर लगभग ढाई लाख रुपए कृषि ऋण था। हरिनंदन को सरकार की कर्जा माफी योजना से काफी उम्मीद थी की उनके ऊपर बकाया ढाई लाख में से एक लाख रुपया माफ हो जायेगा, पर ऐसा नहीं हुआ। कर्ज माफ़ न होने पर हरिनंदन अफसरों से मिले और मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा, लेकिन उसके बाद भी उनपर बकाया लोन माफ नहीं हुआ।
परिजनों ने बताया, लोन माफ न होने के कारण हरिनंदन टेंशन में थे और मानसिक तौर पर बहुत परेशान रहते थे। सोमवार रात किसी वक्त वो घर से निकल गए और गांव के बाहर लगे कोल्हू के पास पेड़ से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली । सुबह ग्रामीणों ने पेड़ से लाश लटकी देख परिजनों और पुलिस को घटना की जानकारी दी । सूचना पर पहुंची पुलिस को जाँच पड़ताल के दौरान हरिनंदन की शर्ट की जेब से एक लेटर निकला है, जिसमें बैंक कर्ज़ का जिक्र था और लिखा था की पात्र होने के बाद भी बैंक का कर्ज़ माफ़ नहीं हो सका और वो कोई भी कदम उठा सकता है। फ़िलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है
– शाहजहांपुर से अंकित कुमार शर्मा