उत्तराखंड में दुःखद है पहाड़ो की पलायन समस्या: डी पी एस रावत

पौड़ी गढ़वाल- उत्तराखंड आज जनपद देहरादून में अखिल भारतीय पार्टी की पहाड़ पर मंथन बैठक चल रही थी जिसमें पार्टी के डी पी एस रावत ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जनपद टिहरी गढ़वाल के गढ रतन नरेंद्र सिंह नेगी का गाना याद आ गया ।
टीरी डूबण लगयूं चा बेटा डाम का खातीर टिहरी भी डूब गया जहां राजमहल व घंटाघर हुआ करता था आज वाे जगह जल मगन हाे चुकी अब यादें शेष है जाे हमेशा रहेंगी परंतु क्या मिला हमें टीरी काे डूबा कर तो दुख हाेगा कि 25% उत्तरप्रदेश व 75% केंद्र सरकार का हिस्सा है जिस में उत्तराखंड को 12%रॉयल्टी मिलती है जिसका कोई हिसाब नही कि ये पैसा कहां जाता है।। 2%सामाजिक क्षेत्रों में लगता है जो एनजीओ के माध्यम से सामाजिक कार्यो में लगता है और नाैकरियां प्रदेश से बाहर वालो को दी जा रही है।
जबकि होना यह चाहिए था कि टिहरी डैम के चारो तरफ एंड्रस्टीज खुलनी चाहिए थी और उन्हें बिजली फ्री या कम से कम दाम पर मिलती जिस से क्षेत्र के नाैजवानो को वंही रोजगार मिलता। पलायन नामक बीमारी भी नही हाेती हाेना एेसा चाहिए था कि बांध प्रभावितों को बिजली फ्री मिलती 3,75% बांध प्रभावितों को रोजगार दिया जाता
मछली के ठेके बांध प्रभावितों के गांव के लोगो को मिलते आज उत्तराखंड बने अठारह साल हाे गये कि हमारी कई सम्पत्ति आज भी उत्तर प्रदेश के पास है। उत्तराखंड उत्तर प्रदेश व केंद्र में भी भाजपा सरकार है परंतु अभी सम्पत्तियो पर झगडा ही चल रहा है हल नहीं निकल रहा है.हमारे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के कई मंच है जैसे याेगी आदित्य नाथ , जनरल विपिन रावत जी , डाेभाल जी, व अन्य कई दिग्गज परंतु हमारे पहाडाें की हालत सुधरने के बजाय बिगड ही रही है ।
अब समय आ गया है कि हम पहाड़ी पहाड़ की अलग से लड़ाई लड़े। अखिल भारतीय पार्टी की टीम इस लड़ाई के लिए युवाओं से अनुरोध करती है अभी नही तो कभी नहीं क्योकि इन बीजेपी और कांग्रेस ड़ॉ0 के पास पहाड़ की समस्या का इलाज नही है हम पिछले अठारह साल से उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण माँग रहे हैं पहाड़ में पहाड़ियों के लिए राेजगार मांग रहे हैं चिकित्सालय मांग रहे हैं अच्छी शिक्षा मांग रहे हैं आखिर कब तक हम मांगते रहेंगें अब समय आ गया है कि हमें अपने हक माँगने से नही अपितु मारने से मिलेगा मेरा अहवान है पहाड़ी भाईयाें से कि वे अखिल भारतीय पार्टी की टीम से जुडें अब उत्तराखंड काे मजबूत विकल्प की जरूरत है एेसे विकल्प की जो पहाड़ के युवाओं को उनका हक दिलायें हमारी टीम उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र के युवाओं को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभायेगी।
– पौड़ी से इंद्रजीत सिंह असवाल
उत्तराखंड

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